उत्तराखंड प्रदेश मुख्यालय में बागेश्वर उपचुनाव पर प्रेसवार्ता के दौरान बोलते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने उत्तराखंड की भाजपा सरकार पर बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
दसोनी ने कहा की बागेश्वर उपचुनाव में कांग्रेस की स्थिति बहुत ही मजबूत है जिससे सताधारी दल बौखला गया है। दसौनी ने कहा की कांग्रेस पार्टी संविधान में अगाध विश्वास रखने वाली पार्टी है और संवैधानिक तरीके से ही चुनाव लड़ रही है, सीमित संसाधनों के बावजूद कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता अपनी मेहनत के बल पर वहां सत्ताधारी दल को कांटे की टक्कर दिए हुए हैं। दसौनी ने कहा कि बागेश्वर की जनता भी भाजपा की भाषणों और जुमलों से परेशान हो चुकी है। भाजपा के कभी न पूरे होने वाले लंबे चौड़े वादों के मद्देनजर बागेश्वर की जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है । दसोनी ने कहा कि बागेश्वर की जनता भाजपा सरकारों की कुनितियों और अदूरदर्शिता के परिणाम स्वरूप विकराल रूप धारण कर चुकी महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हो चुकी है।
दसौनी ने आरोप लगाया की बागेश्वर में भाजपा के नेताओं के इशारों पर खुलकर धन बल और बाहु बल का प्रयोग किया जा रहा है ।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। दसौनी ने कहा कि बेमतलब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के वाहनों का चालान किया जा रहा है ,बैनर और पोस्टर लगने के आधे घंटे बाद फाड़ दिए जा रहे हैं,प्राइवेट गाड़ी में भी यदि गले में पट्टा डाले कोई कार्यकर्ता दिखाई पड़ रहा है तो उसे परमिशन लेटर की मांग की जा रही है।
दसौनी ने जानकारी देते हुए बताया की युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष भीम कुमार और भुवन फर्सवान पर बिना किसी अपराध के धारा 107 /116 में शांति भंग का नोटिस दे दिया गया है। दसौनी ने बागेश्वर जिला प्रशासन से सवाल करते हुए कहा की बागेश्वर जिला प्रशासन बताएं कि अभी तक भाजपा के कितने कार्यकर्ताओं पर शांति भंग का नोटिस जारी किया गया है?प्रशासन बताएं की क्या बागेश्वर उप चुनाव में उपद्रव केवल कांग्रेस के कार्यकर्ता कर रहे हैं? दसौनी ने कहा कि बागेश्वर में 188 बूथ हैं जिनके ग्राम प्रधानों और जनप्रतिनिधियों को फोन पर डराया और धमकाया जा रहा है क्योंकि भाजपा को अपनी हार सामने दिखाई पड़ रही है ।
दसौनी ने जिला प्रशासन की निंदा करते हुए कहा की बागेश्वर से बाहर के पत्रकारों को बागेश्वर उप चुनाव कवर करने की इजाजत नहीं दी जा रही है और कई पत्रकार बेरंग वापस लौट आए हैं ।बागेश्वर के पत्रकारों के लिए भी फरमान जारी हुआ है कि उन्हें किसी भी पत्रकार वार्ता में जाने से पहले सूचना विभाग से अनुमति लेनी होगी उसके बाद ही वह किसी पत्रकार वार्ता में सम्मिलित हो पाएंगे। दसौनी ने बताया कि इसकी शिकायत कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग से करेगी।
दसौनी ने इसे सीधे तौर पर चौथे स्तंभ का दमन और सत्ता का नंगा नाच बताया।
दसौनी ने कहा की बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा साम दाम दण्ड भेद कुछ भी इस्तेमाल करने से परहेज नहीं कर रही है और बहुत ही निचले स्तर की राजनीति पर उतर आई है। दसौनी ने यह भी कहा की एक ओर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से परिवारवाद के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं दूसरी ओर गृहमंत्री परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए संकट और खतरा बताते हैं और वही विगत 6 सालों में हुए छह उपचुनाव में भाजपा ने दिवंगत नेताओं के परिजनों पर ही चुनावी दांव लगाया है।
दसौनी ने कहा की यह भाजपा के दो मुंहे चेहरे को उजागर करता है और यह भी बताता है कि भाजपा को अपने द्वारा किए गए कार्यों या नीतियों पर से विश्वास उठ गया है और सहानुभूति के जरिए ही वह अपनी चुनावी वैतरणी पार लगाना चाहती है।पत्रकार वार्ता के दौरान प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट भी उपस्थित रहे।