हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को अतिक्रमण हटाने के बाद बवाल हो गया। जिसके बाद प्रशासन ने देर शाम उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश जारी किए। इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है.
300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगम कर्मी घायल
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह रामनगर कोतवाल समय 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगम कर्मी घायल हो गए।
उपद्रवियों को देखते ही पैर में गोली मारने के आदेश
उपद्रव्यों ने बनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया। पुलिस की जीप जेसीबी दमकल की गाड़ी समेत कई दुपहिया वाहन फूंक दिए गए। आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज के बाद भी जब हालात काबू में नहीं आए तो सबसे पहले अधिकारी जान बचाने के लिए मौके से भाग गए। पुलिस व निगम टीम जैसे तैसे वहां से निकली। प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही पैर में गोली मारने के आदेश दिए। पिता पुत्र समेत छह लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
DM ने दी जानकारी
डीएम वंदना सिंह ने कहा आधिकारिक तौर पर दो मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में चार मौतों की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में वेरिफाई किया तो पता चला कि दो लोगों की मोत हुई है। कृष्णा अस्पताल में दो शव पहुंचे थे। इन्हें रिसीव नहीं किया गया और एसटीएच भेज दिया गया। दोनों जगह गिनती हो जाने की वजह से चार शव बताने की कंफ्यूजन हुई थी।
उठ रहा सवाल… कार्रवाई से पहले सर्वे क्यों नहीं
मलिक का बगीचा में बने अवैध मदरसे और धर्म स्थल को तोड़ने के लिए नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की टीम क्षेत्र में बिना हवाई सर्वे के ही घुस गई। बीते चार फरवरी के विरोध के बावजूद पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम ने मामले को हल्के में ले लिया। कई मौकों पर ड्रोन से निगरानी करने वाले पुलिस प्रशासन कार्रवाई से पहले हवाई सर्वे तक नहीं करा पाया।
पुलिस को रखा अलर्ट पर
बवाल के बाद पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। जिले में मिश्रित आबादी वाले थाना क्षेत्रों में संवेदनशील जगहों पर गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही दो कंपनी, दो प्लाटून पीएसी को हल्द्वानी भेजा गया है।ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक पर सुनवाई 14 को मलिक का बगीचा और अच्छन का बगीचा क्षेत्र में अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 14 फरवरी को होगी। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने मामले की सुनवाई की।