घटना सिडकुल क्षेत्र में साल 2018 में हुई थी। संपत्ति बंटवारे को लेकर हुए विवाद में पोते ने दादी की बेरहमी से पिटाई कर छत से नीचे फेंक दिया था। इलाज के दौरान अस्पताल में बुजुर्ग की मौत हो गई थी। मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया।
यह था मामला
शासकीय अधिवक्ता सुकरमपाल सिंह ने बताया कि 22 मई 2018 की दोपहर में सिडकुल थाना क्षेत्र के गांव रावली महदूद निवासी संजय सिंह, उसके छोटे भाई धर्म सिंह व बड़े भाई राजबीर सिंह, उसकी पत्नी नरेशो, तीन पुत्र अमित, अमन उर्फ नाथीराम और सौरभ के बीच आपसी बंटवारे को लेकर गाली-गलौज और मारपीट हुई थी। उसी दिन शाम को छह बजे वादी पक्ष संजय, उसके छोटे भाई धर्म सिंह, माता परमी देवी व बड़े भाई राजबीर सिंह व उसके परिवार वालों के साथ दोबारा से मारपीट शुरू हो गई थी। तभी बीच बचाव करने के लिए आई परमी देवी को आरोपित अमन उर्फ नाथीराम व उसके छोटे नाबालिग भाई ने मारपीट व लात-घूसों से मारकर छत से नीचे गिरा दिया था। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
सरकारी अस्पताल हरिद्वार में उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। घटना के दो दिन बाद सजंय सिंह ने अपने बड़े भाई आरोपित राजबीर सिंह, भाभी नरेशो, भतीजे अमित, अमन उर्फ नाथीराम व नाबालिग के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट व गैर इरादतन हत्या मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपित अमन उर्फ नाथीराम के विरुद्ध मारपीट व गैरइरादतन हत्या की धाराओं में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। जबकि छोटे भाई के विरुद्ध किशोर न्याय बोर्ड में चालानी रिपोर्ट दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान घटना से संबंधित मुकदमे में साक्ष्य में आठ गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित अमन उर्फ नाथीराम को दोषी पाया है।