अपने कार्यकाल में विधानसभा में नियुक्तियों को लेकर चर्चा में आये गोविंदकुंजवाल के बचाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उतर गए हैं। हरीश रावत ने कहा की मैं विधानसभा का सत्र गैरसैण में कराना चाहता था, और विधानसभा भी गैरसैण से संचालित कराना चाहता था।
आगे उन्होंने कहा कि मैंने अपनी इच्छा गोविंद कुंजवाल के सामने रखी और तब उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें कुछ नियुक्तियां करनी होंगी। उसके बाद वह प्रस्ताव लेकर आए, जिसे हमने वित्त, कार्मिक व न्याय विभाग की स्वीकृति के बाद आगे बढ़ाया।
कुंजवाल के बेटे व बहू पर पूछे गए प्रश्न के सवाल पर रावत ने कहा कि इसमें नैतिकता का प्रश्न तो है लेकिन इसे अनैतिक नहीं कहा जा सकता क्योंकि भर्ती प्रक्रिया अवैध तरीके से की गई है।
हरीश रावत द्वारा सिफारिश किए जाने के सवाल पर कुंजवाल ने बोला कि हरीश रावत इकलौते मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने कभी अपने किसी को नौकरी देने के लिए दबाव नहीं बनाया।