22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन किया जाना है. ऐसे में अटकले लगाई जा रही है कि मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की गई है।
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
मिली जानकारी के अनुसार गाजियाबाद भोला दास ने इलाहबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर शंकराचार्यों की उठाई आपत्तियों का हवाला दिया गया है। साथ ही इसे सनातन धर्म की परंपराओं के खिलाफ भी बताया गया है।
याचिका में लिखा ये?
- याचिका में कहा गया है कि, बीजेपी आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव का लाभ उठाने के लिए यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित कर रही है। इस जनहित याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई है।
- 22 जनवरी को अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है जो कि गलत है, क्योंकि सनातन धर्म के अगुवा शंकराचार्यों की ओर से इस पर आपत्ति उठाई गई है।
- याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि निर्माणाधीन मंदिर में किसी भी देवी, देवता की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है। लिहाजा, अयोध्या का राममंदिर अभी पूर्ण रुप से नहीं बन पाया है
तो इसलिए दी याचिका
याचिकाकर्ता भोला दास की माने तो इन दिनों पौष का महिना चल रहा है और हिंदू कलेंडर के मुताबिक पौष माह में कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं किया जाता है। ऐसे में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नहीं होना चाहिए।