डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में जागरूकता गोष्ठी और पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित

कर्णप्रयाग, 5 जून 2025
विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में जल शक्ति मंत्रालय की नमामि गंगे योजना के अंतर्गत “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को समर्पित विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा विचार साझा किए गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वी.एन. खाली ने कहा कि पर्यावरण हमारे अस्तित्व की आधारशिला है, किंतु मानवीय विकास की अंधाधुंध गतिविधियों के चलते जलवायु में व्यापक परिवर्तन हो रहा है। इसका सीधा असर न केवल मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, बल्कि जैव विविधता भी संकट में है। उन्होंने प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग और अधिक से अधिक पौधारोपण पर बल दिया।
नमामि गंगे योजना के नोडल अधिकारी श्री कीर्तिराम डंगवाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन अब चेतावनी की सीमा पार कर चुका है। यह मानव अस्तित्व के लिए खतरे की घंटी है, जिसे अनसुना नहीं किया जा सकता। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारी बताया।

डॉ. कविता पाठक ने फसल चक्र पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन न केवल आज की पीढ़ी के लिए चुनौती है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों और सतत विकास के लक्ष्य को भी प्रभावित कर सकता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अखिलेश कुकरेती, डॉ. वी.पी. भट्ट, डॉ. आर.सी. भट्ट, डॉ. राधा रावत, डॉ. बी.एस. नेगी, डॉ. चंद्रावती टम्टा, डॉ. मृगांक मलासी, डॉ. नेहा तिवारी, डॉ. वी.आर. अंथवाल, डॉ. विनोद चंद्रा, डॉ. शालिनी सैनी समेत कई प्राध्यापक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
गोष्ठी के समापन पर प्राचार्य प्रो. खाली ने सभी को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। इसके पश्चात महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण कर अभियान का प्रतीकात्मक और व्यावहारिक रूप से शुभारंभ किया गया।
“एक पेड़ माँ के नाम” जैसे अभियानों के माध्यम से न केवल पर्यावरण के प्रति भावनात्मक जुड़ाव बढ़ रहा है, बल्कि नई पीढ़ी में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित हो रही है।
