जिम कार्बेट नेशनल पार्क में मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन कर मानव वन्यजीव संघर्ष को न्यूनीकरण पर जोर दिया गया यहां सीटीआर के वन्यजीव प्रशिक्षण केंद्र में कार्बेट टाइगर रिजर्व व कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ प्रशिक्षुओं ने व्यापक चर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रमुख वन संरक्षक महानिदेशक वानिकी प्रशिक्षण एवं कौशल विकास तथा वन प्रबंधन एवं अनुसंधान डॉक्टर धनंजय मोहन ने कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के प्रभावी उच्च तकनीकी अपनाने पर जोर दिया इस दौरान कार्बेट टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर.डॉक्टर धीरेंद्र पांडे ने भी मानव वन्यजीव संघर्ष के विभिन्न आयामों व अन्य समस्या के विभिन्न समाधान पर विस्तार से चर्चा की.
उन्होंने टाइगर रिजर्व के लैंडस्केप में गत वर्षों में बढ़ रहे मानव बाघ संघर्ष की घटनाओं के कारण व उसके न्यूनीकरण के संबंध में चिंता जाहिर करते हुए वनों के समीप रह रहे ग्रामों से जन जागरूकता के माध्यम से स्थानीय निवासियों का व्यवहार परिवर्तन कर संघर्ष की घटनाओं को कम किए जाने की संभावना पर भी विचार किया गया.
इस विषय पर उपस्थित अधिकारियों द्वारा गंभीर चर्चा की एवं पौड़ी तथा नरेंद्र नगर के लिविंग विद लेपर्ड कार्यक्रम के अनुभवों को भी प्रतिभागियों के साथ साझा किया गया साथ ही हाथी बंदर गुलदार भालू और जंगली सूअर आदि से संबंधित मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण के विषय में भी विस्तार से चर्चा हुई
कार्यशाला में उप प्रभागीय अधिकारी अमित ग्वासीकोठी. डॉक्टर शालिनी जोशी. हरीश नेगी. दुष्यंत शर्मा पशु चिकित्सा अधिकारी कार्बेट टाइगर रिजर्व के अलावा वन कर्मचारी उपस्थित थे.