प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में आज नैनीताल की घोड़ा लाइब्रेरी का जिक्र किया है। पीएम मोदी ने अनोखी लाइब्रेरी की तारीफ करते हुए इससे जुड़े लोगों और गांवों की सराहना की है। बता दें कि नैनीताल जिले के कोटाबाग में इस अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरूआत हुई। जो कि आसपास के करीब 12 गांवों को जोड़ती है। इसके माध्यम से दूरस्थ गांवों में किताबें पहुंचाई जा रही हैं।
पहाड़ों में संसाधनों की कमी और स्कूलों में विपरीत परिस्थितियों की वजह से कई बार बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शहरों में लाइब्रेरी के जरिए छात्रों को पढ़ाई करने में काफी मदद मिल जाती है, पहाड़ों में इस तरह की सुविधाएं मिलना काफी कठिन है। इसी को देखते हुए नैनीताल जिले के युवाओं ने एक ऐसी अनोखी पहल की है जिससे पहाड़ों में भी दूरस्थ क्षेत्रों में आसानी से किताबें उपलब्ध हो रही है।
नैनीताल जिले के कोटाबाग के आंवलाकोट निवासी शुभम बधानी ने बताया कि 10 जून को बारिश ने दूरस्थ गांवों में आपदा ने काफी नुकसान पहुंचाया। शुभम ने युवाओं के साथ मिलकर बच्चों को साहित्य और नैतिक शिक्षा से जोड़ने की मुहिम शुरू की। बाघिनी गांव से घोड़ा लाइब्रेरी शुरू करने का निर्णय लिया। इस गांव के लोगों की मदद से एक घोड़ा मिला। घोड़े की पीठ पर पुस्तकें लेकर वह टीम के साथ गांव में निकले और बच्चों को पुस्तकें दीं। जिसके बाद जलना, तोक व आलेख गांव तक घोड़ा लाइब्रेरी पहुंच गई। इस टीम द्वारा पुस्तकें पहुंचाने के साथ ही उनकी ओर से चौपाल लगाकर नौनिहालों को अक्षर ज्ञान के साथ ही कई फिजिकल एक्टिविटीज भी कराई जाती है।
प्रत्येक 4-5 दिन के अंतराल में दुर्गम पर्वतीय ग्राम तोकों में घोड़ा लाइब्रेरी के माध्यम से पुस्तकें उपलब्ध कराई गई। इस पहल में शिक्षा प्रेरक सुभाष बधानी, स्थानीय लोग हरीश बधानी, मनोज बधानी, रवि रावत, शरद बधानी, कौशल कुमार आदि का विशेष योगदान रहा।