प्रदेश में नया शिक्षा सत्र शुरू हुए 22 दिन हो चुके हैं, लेकिन शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया को लेकर अब भी असमंजस में है सरकार।
विभाग की ओर से हर साल नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले जनवरी एवं फरवरी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। मार्च में इसके लिए आवेदन मांग लिए जाते हैं, लेकिन इस साल अभी तक दाखिले तो दूर विभाग की ओर से आवेदन तक नहीं मांगे गए हैं।
दाखिले इस साल कब से शुरू होंगे। ऑनलाइन होंगे या ऑफलाइन अभी यह भी तय नहीं हो पाया है। वर्तमान में राज्य में 87 हजार बच्चे आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत कोटा होता है। विभागीय अधिकारी इसमें देरी की वजह आरटीई के तहत दाखिलों के लिए ऑनलाइन साफ्टवेयर उपलब्ध कराने वाली संस्था के साथ तीन साल का करार खत्म होना बता रहे हैं। उनका यह भी कहना है राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छह साल से अधिक उम्र के बच्चे का पहली कक्षा में एडमिशन होना है।
इसके लिए आरटीई एक्ट में भी संशोधन का प्रस्ताव है। ऑनलाइन साफ्टवेयर उपलब्ध कराने वाली संस्था से भी करार बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं कुछ लोगों का कहना है यदि आरटीई के तहत छह साल से अधिक के बच्चों के दाखिले को अनिवार्य किया गया तो कई बच्चे स्कूल से वंचित हो सकते हैं।