प्रदेश भर में भू कानून की मांग को देखते हुए धामी सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रहे है . भू कानून को सख्त बनाने के उद्देश्य से पूर्व में गठित समिति की रिपोर्ट के परीक्षण को गठित उच्च स्तरीय प्रारूप समिति ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।
क्रेता-विक्रेता दोनों का सत्यापन करना जरूरी
धामी सरकार ने यहा फैसला लिया की अब जमीन खरीद से पहले क्रेता-विक्रेता दोनों का सत्यापन करना जरूरी होगा। साथ ही वह खरीद की उचित वजह भी बताएंगे। साथ ही राज्य में लागू 12.5 एकड़ की सीलिंग को खत्म करते हुए सरकार नई व्यवस्था को अधिक कड़ा बनाने पर भी विचार कर रही है।
सीएम धामी ने गठित की समिति
राज्य में इन दिनों भू कानून का मुद्दा गरमाया हुआ है। सख्त भू कानून की मांग के जोर पकड़ने के बाद सरकार ने सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट के परीक्षण के लिए प्रारूप समिति गठित की है। यह भू कानून का प्रारूप तैयार कर सरकार को सौंपेगी।
एनडी तिवारी सरकार ने की थी भू-कानून को कड़ा बनाने की पहल
प्रदेश में साल 2002 में एनडी तिवारी सरकार ने भू-कानून को कड़ा बनाने की पहल की थी। उस वक्त तय हुआ कि राज्य के बाहर व्यक्तियों को आवासीय उपयोग के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि की खरीद की अनुमति दी जाएगी। राज्य में 12.5 एकड़ तक कृषि भूमि खरीद का अधिकार डीएम को देने के अलावा चिकित्सा, स्वास्थ्य, औद्योगिक उपयोग को भूमि खरीद को सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य किया गया।