उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव प्रभावित नगर वासियों ने विस्थापन के नाम पर नगर से बाहर बसने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने विकल्प दिया कि स्थानीय लोगों की सेना व सरकारी विभागों के पास जो काश्तकारी भूमि है जिसका उन्हें मुआवजा नहीं मिला उन जगह पर लोगों को बसाया जाए।
लोगों ने जोशीमठ छोड़ने से किया मना
इसी बीच पिछले साल नगर में हुए भू धसाव प्रभावितों की आपदा सचिव रणजीत सिन्हा की अध्यक्षता में जन सुनवाई हुई। नगर पालिका सभागार में आयोजित जनसुनवाई में आपदा प्रभावितों ने स्पष्ट किया की जोशीमठ से नहीं जाएगें .यहां से उनका रोजगार व अन्य संसाधन जुड़े हैं।
पुनर्वास के लिए 25 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित
जनसुनवाई के दौरान बताया गया कि शासन ने गौचर के पास बमोथ गांव में पुनर्वास के लिए 25 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित किया है। आपदा सचिव ने कहा कि नगर को तीन जोन में बांटा गया है। जिसमें हाई रिस्क जोन, मीडियम जोन और लो रिस्क जोन शामिल हैं। हाई रिक्स जोन को पहले 17 सेक्टरों में बांटा गया था। हमारी टीम ने तीन दिन सर्वे के बाद इसे 14 सेक्टरों में बांटा है। हाईरिस्क जोन में नगर के प्रमुख स्थान शामिल हैं।