मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के कोर्ट कमीशन सर्वे को मंजूरी दे दी है।
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के कोर्ट कमीशन सर्वे को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही ईदगाह कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलों को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
18 दिसंबर को एडवोकेट कमीशन की रूपरेखा होगी तय
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि यह ऐतिहासिक फैसला है। हाईकोर्ट ने आज इस बात की मंजूरी दे दी है कि शाही ईदगाह परिसर का सर्वे होगा। यह सर्वे एडवोकेट कमीशन के द्वारा किया जाएगा। एडवोकेट कमीशन में कितने लोग होंगे.. कब यह कमीशन सर्वे करने जाएगा, इसकी रूपरेखा 18 दिसंबर को कोर्ट तय करेगा।
क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह का इतिहास
कहा जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं में जंग हुई। इसमें मराठा जीते। जीत के बाद मराठाओं ने फिर से मंदिर का निर्माण कराया। 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को आवंटित कर दी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली।