गंगोत्री ओर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही 30 अप्रैल से पवित्र चारधाम यात्रा शुरु होने जा रही है. चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है. यात्रा से होटल- लॉज संचालक, परिवहन कारोबारियों से लेकर घोड़े खच्चर संचालकों तक की आजीविका चलती है. इसी क्रम में केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर इस बार 4300 से अधिक घोड़े खच्चर संचालक अपनी सेवा देंगे.
केदारनाथ धाम के लिए हुआ 5000 से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण
केदारनाथ धाम जाने के लिए तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड से करीब 18 किमी लंबा पैदल रास्ता तय करना पड़ता है. इस कारण बड़ी संख्या में यात्री घोड़े- खच्चरों की सेवा लेते हैं. इस बार केदारनाथ धाम के लिए अब तक 2493 संचालकों ने पांच हजार से अधिक घोड़े खच्चरों का पंजीकरण करवा लिया है.
स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर घोड़े खच्चरों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी
पशुपालन विभाग ने स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर घोड़े खच्चरों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए हैं. विभाग की ओर से सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिंचौली और केदारनाथ में पशु चिकित्सालय बनाए जाने के साथ ही पांच डॉक्टर और सात पैरावेट भी नियुक्त किए गए हैं, पैदल मार्ग के 13 जगहों पर गरमपानी की भी व्यवस्था की गई है.
यमुनोत्री धाम के लिए हुआ 3700 से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण
यमुनोत्री धाम के लिए 3700 से अधिक घोड़े खच्चरों का पंजीकरण किया गया है. यमुनोत्री यात्रा में इस्तेमाल होने वाले घोड़े खच्चरों की जांच, टीकाकरण, चिकित्सकीय सहायता और उपचार की व्यवस्था के लिए जानकीचट्टी में अस्थाई पशु चिकित्सालय की स्थापना की गई है. जहां चार पशु चिकित्सकों के साथ ही चार पशुधन प्रसार अधिकारी और दो पशुधन सहायकों को तैनात किया गया है. यात्रा मार्ग पर कुल छह गीजर स्थापित किए गए हैं.
प्री-पेड काउंटर से कर पाएंगे बुकिंग
केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, लिचौंली और रुद्र प्वाइंट में पांच प्री पेड बुकिंग काउंटर बनाए गए हैं. इसी तरह यमुनोत्री के लिए जानकीचट्टी में जिला पंचायत के द्वारा प्रीपेड काउंटर स्थापित किया गया है. यमुनोत्री के लिए घोडे-खच्चर संचालकों को नंबर युक्त जैकेट प्रदान की जा रही है. बता दें एक दिन में केवल एक ही बार धाम तक आवागमन की अनुमति होगी.
ये भी पढ़ें : केदारनाथ के लिए महंगी हुई घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी से यात्रा, जानें अब कितना देना पड़ेगा किराया