खबर उत्तराखंड के चमोली जिले से है. जहां चमोली विकासखंड के देवाल ब्लॉक की एक महिला अपने 15 वर्षीय बेटे के साथ मायके से ससुराल जा रही थी. रास्ते में हरमल गांव के पास लकड़ी की पुलिया से गुजरते समय पैर फिसलने से दोनों पिंडर नदी में बह गए. महिला का शव नदी किनारे मिल गया जबकि उसके बेटे का पता नहीं चल पाया है. घटना की खबर सुनते ही परिजनों एवं ग्रामीणों के बीच कोहराम मच गया.
बता दें ग्रामीणों ने हरमल से रामपुर व कुमाऊं के किलपारा गांव जाने के लिए पिंडर नदी पर लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार रामपुर गांव की प्रतापराम की पत्नी हेमा देवी (38) अपने 15 वर्षीया बेटे प्रवीण कुमार के साथ अपने मायके किलपारा से ससुराल रामपुर जा रही थी.
इस दौरान वह पिंडर नदी पर बनी पुलिया से गुजर रहे थे तभी उनका पांव फिसल गया और दोनों नदी में बह गए. मां-बेटे को बहता देख स्थानीय लोग मौके पर दौड़े. नदीं में बहते हुए रामपुर गांव के पास हेमा देवी नदी किनारे पत्थरों के बीच फंस गई. लोगों ने हेमा देवी को पत्थरों के बीच से निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी जबकि उसके बेटे का पता नहीं चल पाया.
इसके बाद लोगों ने घटना की सूचना प्रशासन को दे दी. राजस्व उपनिरीक्षक प्रमोद नेगी ने कहा कि एसडीआरएफ को सूचित कर दिया गया है. शनिवार को अभियान शुरू हो पाएगा. सौरीगाड़ निवासी व प्रमुख दर्शन दानू ने बताया कि वर्ष 2013 की आपदा में हरमल-रामपुर झूला पुल बह गया था. तबसे आज तक पुल का निर्माण कार्य शुरू नही हों सका हैं. इसलिए यहां स्थायी पुल न होने पर ग्रामीण हर वर्ष पिंडर नदी पर लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाते हैं.