नैनीताल जिले के ओखलकांडा, भीमताल, हल्द्वानी और कोटाबाग विकासखंड के 31 गांव इन दिनों गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। गर्मी बढ़ने के साथ-साथ प्राकृतिक श्रोतों और गधेरों में पानी की मात्रा लगातार घटती जा रही है, जिससे गांवों की जलापूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है।

अधूरी प्लानिंग बनी बड़ी वजह
जल जीवन मिशन के अंतर्गत शुरू की गई जल योजनाओं में अधूरी और असंगठित प्लानिंग इस संकट की प्रमुख वजह मानी जा रही है। कई गांवों में पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन स्रोतों की स्थायी बहाली और जल संग्रह की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे गर्मियों में पानी की आपूर्ति रुक-रुक कर हो रही है।
वैज्ञानिकों की टीम करेगी सर्वे
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडब्ल्यूएसएम (स्टेट वॉटर एंड सैनिटेशन मिशन) अब वैज्ञानिकों की टीम को प्रभावित गांवों में भेजेगा, जो श्रोतों का सर्वे कर यह मूल्यांकन करेगी कि पानी की उपलब्धता को कैसे स्थायी रूप से बढ़ाया जा सकता है।
बजट मिलेगा चेकडैम और रिस्टोरेशन टैंक के लिए
समस्या के समाधान के लिए एसडब्ल्यूएसएम ने श्रोतों के पास चेकडैम और रिस्टोरेशन टैंक बनाने की योजना तैयार की है। इन संरचनाओं के निर्माण से जल संचयन में मदद मिलेगी और स्रोतों का पुनर्जीवन संभव होगा। इस योजना के लिए आवश्यक पूरा बजट एसडब्ल्यूएसएम द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

पंचायत चुनाव के बीच ग्रामीणों की चिंता बढ़ी
जहां एक ओर क्षेत्र में पंचायत चुनाव का शोर है, वहीं दूसरी ओर जल संकट ने ग्रामीणों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। लोगों की मांग है कि चुनावी वादों से पहले सरकार इस मूलभूत समस्या का समाधान सुनिश्चित करे, ताकि उनका दैनिक जीवन सुचारु रूप से चल सके।