24 दिसबंर को राजधानी दून में मूल निवास और भू-कानून की मांग को लेकर सड़को पर जनसेलाब उमड़ा था . रैली को मिले समर्थन के बाद अब इस आंदोलन को अब और भी ज्यादा तेज करने की तैयारी शुरु हो गई है।
मूल निवास और भू-कानून आंदोलन में तेजी
उत्तराखंड के देहरादून में रैली को मिले समर्थन के बाद अब इस आंदोलन में तेजी देने के लिए तैयारी शुरु हो गई है। संघर्ष समिति से जुड़े युवा उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली को मिले समर्थन के बाद काफी उत्तसाहित नजर आ रहे है .
हर जिले और ब्लॉक में बनेगी संघर्ष समितियां
वही इसी कड़ी में संघर्ष समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रदेशभर में इस आंदोलन को गति देने के लिए सूबे के हर जिले और ब्लॉक में संघर्ष समितियां गठित की जाएगी। उनका कहना है कि सरकार इन मांगों को पूरा करने के लिए अध्यादेश लाए। इसके लिए सरकार को 15 दिन का समय दिया गया है। अगर जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो इस से बड़ा कदम उठाने की सरकार को चेतावनी दी गई है।
समिति की प्रमुख मांगे है यें
संघर्ष समिति की दो प्रमुख मांगे हैं। जिसमें से पहली मांग तो मूल निवास कानून लागू करने और मूल निवास की कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित करने की है। जबकि दूसरी मांग सशक्त भू-कानून लागू करने और शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की है।