22 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं। चैत्र नवरात्र राज्य भर में नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाये जाएंगे। प्रत्येक जिले में देवी उपासना के कार्यक्रम आयोजन के लिए संस्कृति विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को एक-एक लाख रुपये अवमुक्त कर दिए हैं।
चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाएगी। वैदिक तथा पुराणों में चैत्र नवरात्रि को विशेष महत्व दिया है। इसे आत्मशुद्धि तथा मुक्ति का आधार माना गया है। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का पूजन करने से नकरात्मक ऊर्जा खत्म होती है। चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अतः चैत्र नवरात्रों की उत्तराखंड राज्य में व्यापक धार्मिक महत्ता के दृष्टिगत इस दौरान प्रदेश में सभी प्रमुख देवी मंदिरों एवं शक्तिपीठों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन जाएगा।
संस्कृति विभाग के सचिव हरिचन्द्र सेमवाल के हवाले से कहा गया है कि प्रदेश के समस्त जनपदों के प्रमुख देवी मन्दिरों / शक्ति पीठों में मातृशक्ति के सामर्थ्य एवं शक्ति का प्रतीक नवरात्रों के अवसर पर 22 मार्च से 30 मार्च तक नवरात्रि नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। दुर्गा सप्तमी, रामचरितमानस, देवी गायन और देवी जागरण आदि पाठ आयोजित कराए जाएंगे। महिलाओं एवं बालिकाओं की इन कार्यक्रमों में विशेष रूप से सहभागिता की जाएगी।नइन कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए संस्कृति विभाग द्वारा प्रत्येक जिलाधिकारी को एक-एक लाख की धनराशि प्रदान की जाएगी।