20 मई से शुरू होने जा रही हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिय तैयारियां जारी है।
गोविंदघाट और घांघरिया गुरुद्वारे में रंग-रोगन का काम पूरा हो गया है। तो दूसरी ओर अटलाकुड़ी से हेमकुंड साहिब तक सेना के 40 जवान, 40 सेवादार और 34 मजदूर आस्था पथ से बर्फ हटाने में जुटे हैं।
हेमकुंड साहिब के ग्लेशियर प्वाइंट पर अभी करीब 6 फीट तक बर्फ जमी है जिसे देखते हुए यहां करीब 60 मीटर तक बर्फ के बीचोंबीच आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। हेमकुंड साहिब में गुरुद्वारे के मुख्य द्वार पर भी करीब चार फीट बर्फ है। जमी बर्फ को हटाने में 40 सेवादार लगे हैं।
गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवासिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब को चार क्विंटल गेंदे के फूल और गुलाब की पत्तियों से सजाया जाएगा। गोविंदघाट और घांघरिया में सजावट का काम अंतिम चरण में है।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि हेमकुंड की तीर्थयात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। बीमार या सांस से संबंधित बीमारी वाले तीर्थयात्रियों के साथ ही बच्चों को यात्रा पर आना मना है।
जून के बाद बर्फ पिघल जाने पर ही इन्हें यात्रा पर आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक आस्था पथ से बर्फ पिघल कर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक तीर्थयात्रा भी सीमित रखी जाएगी।