उत्तराखंड में धार्मिक आस्था के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे ढोंगी बाबाओं के खिलाफ पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि चलाकर सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बाद यह अभियान राज्य भर में सक्रिय किया गया। इस ऑपरेशन के तहत अब तक 25 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है।

कार्रवाई का कारण
यह कार्रवाई राज्य के विभिन्न जिलों में की गई, जहां ये ढोंगी बाबा भगवा वस्त्र धारण कर, माथे पर तिलक और गले में माला डालकर खुद को साधु दर्शा रहे थे। ये लोग मुख्य रूप से महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बना रहे थे, और धर्म के नाम पर उनका मानसिक, भावनात्मक व आर्थिक शोषण कर रहे थे।
शिकायतों को लेकर सरकार गंभीर
सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लोग साधु वेश में आम नागरिकों को गुमराह कर रहे हैं। कई घटनाओं में पाया गया कि इन बाबाओं का कोई धार्मिक या आध्यात्मिक उद्देश्य नहीं था, बल्कि वे धर्म की आड़ में अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
बांग्लादेशी नागरिक पर विदेशी अधिनियम के तहत केस
गिरफ्तार हुए ढोंगियों में शामिल एक बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वह बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहा था और खुद को साधु बताकर लोगों को ठग रहा था।
सरकार का रुख सख्त, आस्था से खिलवाड़ नहीं बर्दाश्त
मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि धार्मिक आस्था के नाम पर जनता को गुमराह करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि ऐसे फर्जी बाबाओं की पहचान कर उन्हें कानूनी शिकंजे में लिया जाए। पुलिस और खुफिया विभाग को पूरे राज्य में ऐसे मामलों पर नजर रखने के आदेश दिए गए हैं।
यह कार्रवाई न केवल धर्म के नाम पर चल रही धोखाधड़ी को उजागर करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाए हुए है।