अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है . जिसे लेकर पूरे देश में उत्हास का महौल है. वही भगवान श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से संपूर्ण देवभूमि भी जुड़ेगी। राज्य में इन दिनों विश्व हिंदू परिषद समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 32 आनुषांगिक संगठन राम काज में जुटे हैं
पूजित अक्षत किए गए वितरित
इसी बीच अयोध्या में पूजित अक्षत, श्रीराम मंदिर का चित्र और रामलला के विराजमान होने संबंधी पत्रक घर-घर वितरित किए जा रहे हैं। लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है , 500 साल बाद भगवान राम अपने स्थान पर विराजमान होगें. ये पूरे देश के लिए गर्व और खुशी की बात है .
विशाल एलईडी स्क्रीन पर होगा प्रसारण
वही उत्तराखंड में भी इसे लेकर तैयारी जोरो पर है, राज्य में कई मंदिरों समेत कई स्थलों पर विशाल एलईडी स्क्रीन पर इस समारोह का सीधा प्रसारण होगा यही नही रामलला के विराजमान होने पर शाम को दीपोत्सव भी मनेगा.
20 हजार से अधिर स्थलों पर एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय की माने तो उत्तराखंड में 16 हजार से अधिक गांवों और सभी 105 शहरों में लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखेंगे। ये कार्यक्रम मंदिर केंद्रित होने के साथ ही सार्वजनिक स्थलों में भी एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी। इन स्थलों की संख्या 20 हजार से अधिक है।
मंदिरों में होगें सुंदरकांड पाठ, कीर्तन-भजन
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन सुबह से ही मंदिरों मे सुंदरकांड पाठ, कीर्तन-भजन के कार्यक्रम होंगे, जो दोपहर 12 बजे तक चलेंगे। इसके बाद दोपहर 12 से एक बजे तक सभी लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण देखेंगे। तत्पश्चात प्रसाद वितरण होगा।
देवनगरी के 258 संत होंगे शामिल
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देवभूमि उत्तराखंड से 258 संत भी शामिल होंगे। इनमें सभी अखाड़ों के अध्यक्ष, महामंत्री, कोठारी, आचार्य महामंडलेश्वर हैं।