Retail
Advertisement
  • होम
  • Uttarakhand
  • National
  • Political
  • Business
  • Education
  • Entertainment
  • Sports
  • Religion
  • Article
  • About
  • Contact
No Result
View All Result
News 24 India
No Result
View All Result

मैक्स अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टरों ने क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज पर जागरूकता पैदा की

by news24desk
November 16, 2021
in Uttarakhand
Reading Time: 1 min read
0
Share on Whats AppShare on FacebookShare on Twitter

देरहादून। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) पर जागरूकता पैदा करने के लिए, मैक्स अस्पताल, देहरादून के पल्मोनोलॉजिस्ट ने आज फेफड़ों से संबंधित समस्याओं के बारे में विभिन्न तथ्य साझा किए। सीओपीडी एक बढ़ता हुआ श्वसन रोग है जो धूम्रपान और प्रदूषण से साँस में  जहरीले, हानिकारक कणों के कारण होता है। यह महिलाओं की तुलना में  पुरुषों में  अधिक व्यापक होता है। वातावरण में बदलाव एवं बढ़ता युवा पीढ़ी का ड्रग्स की ओर हावी होना घातक हो रहा है जो की एक कभी भी फटने वाले ज्वाला मुखी के समान है।
डॉ पुनीत त्यागी, एसोसिएट डायरेक्टर – पल्मोनोलॉजी, मैक्स अस्पताल, देहरादून के अनुसार ष् बहुत से लोग अपनी  सांस फूलने और खाँसी को उम्र बढ़ने का एक सामान्य हिस्सा मानते हैं।  इस रोग के शुरुआती चरणों में, इस रोग  के  लक्षणों का पता नहीं चल पता है। सीओपीडी वर्षों तक  बिना पता चले विकसित होता है और सांस फूलना और खाँसी का होना एक सामान्य रोग की तरह लग सकता है।  जबकि सीओपीडी का पता रोगी को तब पता चलता है जब ये अधिक घातक हो जाता है। सीओपीडी फेफड़ों की बीमारी का एक बढ़ते रहने वाला  रूप है जो हल्के  से शुरू होकर   गंभीर हो जाता है  और  फेफड़ों के अंदर और बाहर वायु प्रवाह में रुकावट  होना शुरू हो जाता है,  जिससे कि रोगी का सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
सीओपीडी ज्यादातर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में धूम्रपान करने की आदत  के कारण पाया जाता है या निरंतर बीड़ी सिग्रेटे के सेवन से साथ ही साथ कैंसर का रूप धारण कर लेता है।  सीओपीडी उन लोगों में भी हो सकता है, जिनका कार्यस्थल में हानिकारक फेफड़ों की जलन जैसे रसायनों, धूल या धुएं और जैविक खाना पकाने के ईंधन के साथ लंबे समय तक संपर्क रहा हो। भारत में विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्र में लोग लकड़ी का कोयला या जलाऊ लकड़ी के साथ खाना बनाना पसंद करते हैं जिससे वे जहरीले धुएं के संपर्क में आ जाते हैं और यह धूम्रपान न करने वाले सीओपीडी का एक प्रमुख कारण है। मौसम में बदलाव के साथ, सीओपीडी वाले लोगों में बीमारी का खतरा अधिक होता है।  ठंड का मौसम सीओपीडी वाले लोगों के फेफड़ों पर रोगों के लक्षणों को बढ़ा देता है और श्वसन तंत्र में परिवर्तन के कारण उन्हें द्वितीयक जीवाणु/वायरल/फंगल संक्रमण के लिए अधिक सक्रंमित  करता है। श्वास सही न आने पर दिल का दौरा पढ़ने की सम्भावना भी बढ़ जाती है।  हालांकि,  अभी तक सीओपीडी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उचित चिकित्सा उपचार उपलब्ध हैं जो की इस रोग में  सुधार कर सकते हैं।
डॉ वैभव चाचरा,  सीनियर कंसल्टेंट , पल्मोनोलॉजी विभाग, मैक्स अस्पताल देहरादून  ने आगे बताया आज के समय में विभिन्न रूपों के माध्यम से किशोरों और युवाओं में धूम्रपान में वृद्धि हुई है। इसलिए अब छोटी ही उम्र में धूम्रपान के कारण इस रोग का होना शुरू हो गया है । सीओपीडी धूम्रपान न करने वाले व्यक्तियों में पैसिव स्मोकिंग और पर्यावरणीय तंबाकू या बढ़ते प्रदूषण  के धुएं के कारण विकसित हो सकता है। फेफड़ों के कार्य में कमी और ऑक्सीजन को अंदर लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ने की क्षमता काम हो जाती है। बढ़ती उम्र के साथ सीओपीडी रोगी में रोग अधिक बढ़ जाता है और आजीवन उपचार की आवश्यकता, ऑक्सीजन और बीआईपीएपी सपोर्ट  और बार-बार अस्पताल में भर्ती होने के कारण  सीओपीडीरोगियों पर उच्च आर्थिक बोझ भी बढ़ता रहता है । इसके लिए इस बीमारी का इलाज एक समग्र दृष्टिकोण से किया जाना चाइये।  सीओपीडी में दवाओं, ऑक्सीजन थेरेपी, या पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन के अलावा व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए ताकि वह स्वस्थ रह सके। इस  वर्ष विश्व सीओपीडी दिवस की थीम नेवर मोर इम्पोर्टेन्ट  है। तो आइए हम सभी आज से ही धूम्रपान छोड़ने का संकल्प लें क्योंकि यह भारत में गैर संचारी मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और दैनिक आदतों में परिवर्तन करना  इस रोग के शारीरिक लक्षणों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसके लिया धूम्रपान छोड़ना चाहिए, पौष्टिक आहार लेना चाहिए, सक्रिय रहना चाहिए तथा अपने लिए सुरक्षित वातावरण बनाए रखना चाहिए  साथ ही वायु प्रदूषण, इनडोर धुएं और निष्क्रिय धूम्रपान से बचें, लकड़ी के चूल्हे से खाना बनाना बंद करें।
सीओपीडी के उपचार के लिए दवाओं, पल्मोनरी पुनर्वास और उचित नेमोनिआ के प्रति टीकाकरण शामिल है।

SendShareTweet

Related Posts

heavy-rain-in-uttarakhand weather today

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मौसम का यू-टर्न, तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार, इतने दिन का ऑरेंज अलर्ट जारी!

May 2, 2025
rekha arya

38th National Games : खिलाड़ियों ने किया था डोप ड्रग का इस्तेमाल!, प्रभावित हो सकती है पदक तालिका

May 1, 2025

शादी के बंधन में बंधे UK07 Rider Anurag Dobhal, लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड से रचाई शादी, देखे तस्वीरें

May 1, 2025

हज यात्रा 2025 : उत्तराखंड के हज यात्रियों के लिए शुरू हुआ टीकाकरण अभियान, जानिए कब और कहा लगेंगे वैक्सीनेशन कैंप

May 2, 2025
hacker

उत्तराखंड से बड़ी खबर : पाकिस्तानी हैकर्स ने की आर्मी पब्लिक स्कूल की वेबसाइट हैक, लगाया पाकिस्तान का झंडा

April 29, 2025
सीएम धामी ने की केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात

दिल्ली दौरे पर सीएम धामी : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की मुलाकात, रखी राज्य की प्राथमिकताएं

April 29, 2025
Next Post
देश और युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए आवश्यक है मोदी सरकार की नीतियांः दुष्यंत गौतम

देश और युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए आवश्यक है मोदी सरकार की नीतियांः दुष्यंत गौतम

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • About
  • advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact Us

© 2025 News24India.org

No Result
View All Result
  • होम
  • Uttarakhand
  • National
  • Political
  • Business
  • Education
  • Entertainment
  • Sports
  • Religion
  • Article
  • About
  • Contact

© 2025 News24India.org