उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है यहां करोड़ों देवी- देवताओं की पूजा की जाती है, वही माँ गिरिजा देवी को मानने वाले भक्तों की संख्या भी लाखों में है। मंदिर में माता रानी के दर्शन करने के लिए कई लोग आते हैं.अपनी अनोखी रचना और भौगोलिक स्थान के कारण प्रसिद्द गिरिजा माता मंदिर के सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार की अपनी मांग को लेकर मंदिर प्रबंधन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में मुलाकात की है।
मंदिर के पुजारी ने की सीएम से मुलाकात
आपको बता दें कि रविवार को सांसद प्रतिनिधि इन्दर रावत और मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज पाण्डे के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री धामी के साथ बैठक की। इस बैठक में शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री धामी का ध्यान मंदिर की वर्त्तमान स्थिति की तरफ केंद्रित करते हुए उन्हें बताया कि बाढ़ के बाद मंदिर में कई दरारें आ गई थी।
सरकार द्वारा कोई सुविधा नहीं- पड़ित
जिसके सुधार के लिए अब तक सरकार द्वारा मंदिर के मिट्टी के टीले की सुरक्षा के लिए कोई ठोस इंतज़ाम नहीं किए गए हैं। शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री को भारी बारिश और नदी का जल स्तर बढ़ने से नुक्सान की संभावना और सभी की चिंता बढ़ जाने की जानकारी भी दी है। बैठक में बारिश के समय पौराणिक गिरिजा मंदिर को बचाने के लिए एक मात्र विकल्प प्लास्टिक का तिरपाल इस्तेमाल करने की बात भी सामने आई।
धामी ने दिए डीपीआर बनाने के आदेश
शिष्टमंडल ने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में बताया कि उनके द्वारा प्रस्तुत विषय की गंभीरता समझते हुए मुख्यमंत्री धामी ने तत्काल आपदा प्रबंधन की बैठक बुलाई। जिसमें मुख्यमंत्री धामी ने सचिव को शीघ्र डीपीआर बनाने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद शिष्टमंडल को पूरा विश्वास है कि गिरिजा मंदिर का सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार फ़रवरी के अंतिम सप्ताह तक हो जाएगा।