नैनीताल हाईकोर्ट से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के लिए राहत भरी खबर है. बता दे कि हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि रजनी भंडारी अपने पद पर बनी रहेंगी जिससे उनके परिवार और उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। वही हाई कोर्ट ने सरकार को बड़ा झटका दिया है.
बता दें कि चमोली की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट तक पहुंच गया था. रजनी भंडारी ने सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर 31 जनवरी को उत्तराखंड हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई की. एक फरवरी यानी की आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रजनी भंडारी को बड़ी राहत दी.
पूर्व जिला अध्यक्ष रजनी भंडारी ने अपनी याचिका में सरकार के 25 जनवरी के आदेश पर रोक लगाने और पद पर बहाल करने की मांग की है. मंगलवार को भंडारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने पैरवी की. अधिवक्ता कामत ने अदालत को बताया कि रजनी भंडारी को हटाने से पूर्व पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है. जांच में भी पंचायती राज नियमावली का उल्लंघन किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह निर्वाचित पदाधिकारी हैं और उन्हें राजनीतिक विद्वेष के चलते हटाया गया है.