अडानी की एंट्री के बाद एनडीटीवी (NDTV) में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. एनडीटीवी के कार्यकारी सह-अध्यक्ष प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के इस्तीफे के बाद 30 नवंबर बुधवार देर शाम चैनल के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक और प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार ने भी आधिकारिक तौर पर मेल भेजकर अपना इस्तीफा दे दिया.
रवीश कुमार के जाने की घोषणा करते हुए, चैनल ने एक आंतरिक मेल में कहा कि उनका इस्तीफा तत्काल रूप से प्रभावी है. यानी अब रवीश कुमार एनडीटीवी के लिए शो करते हुए नजर नहीं आएंगे. रवीश कुमार को उनकी पत्रकारिता के लिए दो बार रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड और 2019 में रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
रवीश के इस्तीफे के बाद एनडीटीवी ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने कहा, ” रवीश जितना लोगों को प्रभावित करने वाले कुछ ही पत्रकार हैं. यह उनके बारे में लोगों की प्रतिक्रिया में दिखता है.” सुपर्णा ने कहा कि रवीश दशकों से एनडीटीवी का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनका बहुत योगदान रहा है, और हम जानते हैं कि वह अपनी नई पारी में भी बेहद सफल होंगे.
बता दें रवीश कुमार चैनल के प्रमुख शो हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम सहित कई कार्यक्रमों में एंकरिंग किया करते थे. रवीश कुमार देश की आम जनता को प्रभावित करने वाले जमीनी मुद्दों की कवरेज के लिए जाने जाते हैं. उनकी पहचान देश में मोदी सरकार के प्रखर आलोचक के तौर पर होती है. क्योंकि उन्होंने अपने प्राइम शो के दौरान सबसे ज्यादा मोदी सरकार और बीजेपी की आलोचना करते मालूम होते थे. उनके विरोधियों को इस बात की सबसे ज्यादा शिकायत है कि वह बीजेपी और मोदी सरकार के अलावा अन्य किसी सियासी दल और सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक रुख नहीं रखते हैं.