देहरादून स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है,25 जून 2019 को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे आयोजित किया था वही देहरादून स्मार्ट सिटी का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तमाम कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वही एक साल पहले पलटन बाज़ार की शक्ल बदलने की पहल उत्तराखंड सरकार ने की थी जो अब धरातल पर भी दिख रही है। जिसपर कई करोड़ रुपय खर्च किए गए।
दरअसल स्मार्ट सिटी परियोजना के बाजारों का सौंदर्यीकरण किया गया। दुकानों के बाहर खास तरह के बिलबोर्ड लगाए गए। इसी के तहत देहरादून के हेरिटेज मार्केट पलटन बाज़ार का अंदाज़ बदला नजर आ रहा है। पलटन बाज़ार की पहचान अब भगवा रंग के बिलबोर्ड्स से की जाती है।
करोडों रुपय खर्च
मिली जानकारी के अनुसार पलटन बाजार में बिलबोर्ड लगाने पर ही 5 करोड़ से ज्यादा पैसे खर्च हुए हैं। आरटीआई के जवाब के मुताबिक स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट के अन्तर्गत ‘पलटन बाज़ार’ में बिल्बोर्ड लगाने पर ₹5,18,77,216.27 करोड़ खर्च हो चुके हैं। ये आंकड़ा केवल पलटन बाजार का है।
विकास को तरस रहा पलटन बाजार
पलटन बाजार में बिलबोर्ड लगाने से बाजार भगवा रंग का तो दिखने लगा लेकिन क्या सिर्फ बिलबोर्ड लगाने और भगवा रंग करने से काम चल रहा है, पलटन बाजार में कई लोग शोपिंग के लिए आते है। भारी भीड़ होने के कारण सड़कों पर जाम की समस्या से लोग परेशान है, सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे लोगों को मुंह चिढ़ाते नजर आते है। सड़क पर पानी बेहता नजर आता है, जिससे पेयजल की बर्बादी हो रही है। इतने पैसे खर्च करने के बाद भी जनता बाजार के विकास को तरस गई है। भगवा रंग के बिलबोर्ड्स लगने के अलाव धरताल पर कुछ काम नजर नहीं आया।
बिलबोर्ड्स लगाने से शहर में क्या बदला है यह तो जनता ही बता सकती है, लेकिन पांच करोड़ के बिलबोर्ड से क्या पलटन बाज़ार स्मार्ट बन पाया यह सवाल सरकार पर कई सवाल उठा रहा है।