वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी (84 वर्षीय) का निधन हो गया। मंगलवार शाम छह बजे घर पर अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए मैक्स अस्पताल ले गए थे। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने बताया कि वे लंबे समय से बीमार थीं। मंगलवार को उन्होंने मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और वरिष्ठ राज्य आंदोलकारी रविंद्र जुगरान सहित कई गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। सीएम ने कहा, पृथक उत्तराखंड के निर्माण में सुशीला बलूनी के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, राज्य आंदोलन में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वह राज्य आंदोलन की सशक्त पक्षकार थीं, जो पृथक राज्य आंदोलन के दौरान कई बार जेल गईं।