शालिग्राम शीला नेपाल से होते हुए बिहार के रास्ते अयोध्या पहुंच चुकी हैं। आज इन शिलाओं को राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। इससे पहले विधिवत पूजा की जाएगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या पहुंच सकते हैं।
रामसेवकपुरम् में शालिग्राम शिलाएं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपी जाएंगी। इन्हें तराश कर रामदरबार बनाया जाएगा। रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के रूप में पांच सदी बाद रामभक्तों का जो चिर स्वप्न साकार हो रहा है, उसमें प्राण प्रतिष्ठित करने की तैयारी नेपाल की काली गंडकी से प्राप्त शिला से हो रही है।
आस्था की सरयू में डुबकी लगाने वालों में नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिमलेंद्र निधि, उनकी पत्नी अनामिका निधि, नेपाली कांग्रेस के ही शीर्ष नेता धीरेंद्र कुमार निधि, जनकपुर के मेयर मनोज शाह, जानकी मंदिर के महंत रामतपेश्वरदास एवं उनके उत्तराधिकारी रामरोशनदास जैसी विभूतियों सहित वह सैकड़ों श्रद्धालु थे, जो मकर संक्रांति से शुरू इस शिला की यात्रा के साक्षी-सहचर हैं।
नेपाल के म्याग्दी जिला से होकर गुजरने वाली काली गंडकी से 26 टन एवं 14 टन वजन के दो विशाल शिलाखंड निकाले जाने के साथ शुरू यात्रा प्रारंभिक चरण में पर्वतीय मार्गों के चलते धीमी थी, कितु 30 जनवरी को मां जानकी एवं राजा जनक की नगरी जनकपुर से आगे बढ़ने के साथ यात्रा आस्था का शिखर छूती चली गई।