पीरियड्स यानी माहवारी एक ऐसा विषय है जिसके संबंध में आज भी हमारे समाज में खुलकर बात नहीं की जाती है. पीरियड्स की प्रकिया से गुजरने वाली लड़कियां भी इस पर खुलकर बोलने में शर्माती हैं. जिससे इसके संबंध में लोगों का ज्ञान आधा-अधूरा ही है. इसका परिणाम यह है कि महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन्ही चुनौतियों को दूर करने के लिए SOCCH NGO लगातार कार्य कर रहा है. सोमवार को सोच संस्था ने एडम्स इंटर कालेज अल्मोड़ा के सभागार में SOCCH संस्था द्वारा माहवारी सम्बंधित जागरूकता अभियान आयोजित किया गया.
संस्था के सचिव मयंक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए स्कूली छात्राओं को पीरियड्स से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को समझाया. उन्होंने संस्था के अध्यक्ष आशीष के शोध कार्य पर बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म दिखाकर एवं छात्राओं को पीरियड्स के प्रति सहज किया. संस्था की वालंटियर हिमांशी और प्रियंका ने माहवारी के दौरान प्रयोग किये जाने वाले सेनिटरी नैपकिन के बारे में भी विद्यार्थियों को बताया साथ ही पैड को किस प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है इसका प्रैक्टिकल करके भी बताया.
संस्था के अध्यक्ष आशीष ने बताया कि निकट भविष्य में उनके अनेको अभियान प्रस्तावित हैं वो विभिन्न प्रोजेक्ट्स को लेकर काम कर रहे हैं जिससे छात्राएं एवं महिलाएं पीरियड्स के प्रति जागरूक हो एवं कपड़े की जगह सेनिटरी पैड्स का प्रयोग करें. संस्था की वॉलिंटियर्स दीपाली, विद्या एवं प्रियंका ने स्कूली छात्राओं का साक्षात्कार अनुसूची के माध्यम से डाटा लिया, जिसमें माहवारी से संबंधित प्रश्नों की सूची थी.
संस्था के कोषाध्यक्ष राहुल ने बताया कि वो इस डाटा से स्कूली छात्राओं को माहवारी के दौरान आने वाली समस्याओं का आंकलन करेंगे, जिसके पश्चात उन समस्याओं को दूर करने हेतु योजना बनाई जाएगी. साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों से संस्था के साथ जुड़ कर सामाजिक कुरीतियां को दूर करने की में उनका सहयोग आर्थिक रूप से करने की भी अपील की.
सोच संस्था द्वारा इस दौरान छात्र एवं छात्राओं को सेनिटरी पैड्स भी वितरित किये गए.
कार्यक्रम में सोच संस्था की वोलेंटियर प्रियंका सलाल, शिक्षक एस. थिमुथी, दीपा गुप्ता, रजनी जोशी, ज्योति, दीपाली भट्ट, हिमांशी भण्डारी, दिव्या जोशी, विद्या भी मौजूद रहे.