उत्तराखंड के शहर जोशीमठ में अब तक इस शहर के 603 मकानों में दरारें आ चुकी हैं। 100 से ज्यादा घर में हालात खतरनाक हो चुके हैं। 3000 से ज्यादा लोगों के रिहायश पर खतरा पैदा हो गया है, कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है।
उत्तराखंड के शहर जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला लगातार जारी है। घरों में दरार आ गई हैं. जमीन फटने लगी है और सड़कें धंस चुकी हैं। बेतरतीब निर्माण,जल रिसाव और मिट्टी का कटाव लोगों के लिए आफत बन गया है। इस बीच शुक्रवार को भूस्खलन की जद में आने से भगवती मंदिर धराशायी हो गया। बताया जा रहा है कि सिंहधार वार्ड में यह पहला मामला है। कारण, अभी तक सिर्फ दीवारों में दरारें ही आई थीं, लेकिन अब मंदिर गिरने से लोगों में दहशत का माहौल है। वहीं दिन प्रति दिन यहां घरों में दरारें बढ़ती जा रही हैं।
अब तक 603 घरों में दरारें आ गई हैं, कई घर गिरने की कगार पर हैं। इसके चलते शुक्रवार को भी प्रशासन द्वारा 6 और परिवारों इलाके से शिफ्ट किया गया है। जिसके बाद यहां से अब तक 44 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। इनके घर पूरी तरह से धराशायी होने की स्थिति में हो गए हैं। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और फर्श तक धंस चुके हैं।
स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उच्च स्तरीय बैठ बुलाई, जिसमें अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए। सीएम ने कहा कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट किया जाए। जिसके बाद अधिकारी कार्रवाई में जुट गए हैं।