उत्तराखंड सरकार ने अवैध खनन पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि को घटा दिया है. प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. फैसले के पीछे सरकार का तर्क है कि अवैध खनन पर 5 गुना जुर्माना आसानी से अदा नहीं हो रहा था और ऐसे प्रकरण न्यायालय में जाकर लंबे खिंच रहे थे. साथ ही कैबिनेट ने मैदानी जिलों में नदी तल के खनन पट्टों के आवेदन व नवीनीकरण शुल्क एक लाख से रुपये बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है.
कैबिनेट ने अवैध खनन का जुर्माना घटा दिया और मैदान में पट्टे का आवेदन शुल्क बढ़ा दिया है. खनन पट्टों की जांच, आकलन व सीमांकन करने केलिए अभी एसडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति के हाथो जिम्मेदार सौंपी गई है, लेकिन अब एसडीएम की गैरहाजिरी में तहसीलदार या उपतहसीलदार को भी ये अधिकार होगा.
इस फैसले से सरकार को खनन से होने वाली आय में बढ़ोतरी की उम्मीद है. बैठक में उत्तराखंड उपखनिज (परिहार) नियमावली 2023 में संशोधनों को मंजूरी दी गई. महानिदेशक खनन डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने मीडिया को इन संशोधनों की जानकारी दी.