देहरादून। विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी पर शनिवार 5 फरवरी को नरेंद्रनगर राजमहल में तय होगी। जबकि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि के दिन 1 मार्च मंगलवार को पंच केदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तय होगी। इसी दिन गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का दिन निश्चित किया जाएगा। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कोरोना गाईड लाईन तथा ओमिक्रॉन के खतरे को देखते कार्यक्रम संक्षिप्त रूप से आयोजित होगा। कपाट खुलने की तिथि तय करने हेतु पांच मई को नरेंद्रनगर राजमहल में प्रात 10 बजे से पूजा शुरू हो जायेगी।
जिसमें मनुजेंद्र शाह, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह सहित बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति के सभी सदस्यगण, मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, पंडित कृष्ण प्रसाद उनियाल सहित डिमरी धार्मिक केंद्रीय केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्रीनृसिंह मंदिर में पूजा के पश्चात पंचायत प्रतिनिधि तेल कलश गाडू घड़ा को बसंत पंचमी के दिन नरेंद्र नगर राजमहल को सौंपेंगे।
जिसके बाद निर्धारित तिथि पर राजमहल में पिरोये गये तिलों के तेल को पंचायत के प्रतिनिधि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से वहां पहुंचाया जाएगा। तिलों के इस तेल से भगवान श्री बदरीविशाल का अभिषेक किया जाएगा। इसी तरह केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि के दिन 1 मार्च मंगलवार को पंच केदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तय होगी। परंपरागत रूप से गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया 3 मई को खुलेंगे।