कौशल विकास विभाग देगा युवाओं को रोजगार ट्रेनिंग के साथ-साथ प्लेसमेंट भी। इसकी जिम्मेदारी बड़े उद्यमियों को स्किल डेवलपमेंट के तौर पर दी जा रही है। ट्रेनिंग के बाद संबंधित कंपनी को 50 प्रतिशत युवाओं के रोजगार सुनिश्चित कराने की गारंटी भी लेनी होगी।
बता दे अब तक कौशल विकास के नाम पर सिर्फ कागज पर ही बजट खपाने की शिकायत सामने आती थी, साथ ही संस्थानों पर ट्रेनिंग देने के नाम पर करोड़ों रुपयों का बजट लुटाया जाता रहा। पिछली सरकार में स्वयं कौशल विकास मंत्री ने ही स्किल डेवलपमेंट योजना पर हो रहे बजट खर्च पर सवाल उठाए थे। कोटद्वार में फर्जी पते पर एजेंसियों के संचालक और उन्हें करोड़ों के भुगतान पर जांच बिठा दी थी, हालांकि जांच के बाद भी कुछ सामने नहीं आया। लेकिन अब इन गड़बड़ियों पर शिकंजा कसने और गुणवत्तायुक्त ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए सिस्टम को मजबूत करने की तैयारी की जा रही है। इस योजना में बड़े उद्योगों का साथ लिया जाएगा, साथ ही इन उद्योगों को कौशल विकास विभाग की ओर से आईटीआई उपलब्ध कराए जाएंगे।
संबंधित एजेंसियां इन आईटीआई में युवाओं को प्रशिक्षित करेगी और अपने उद्योगों में प्रोफेशनल ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगी। इन्ही उद्योगों में युवाओं के लिए रोजगार भी सुनिश्चित होगा। कंपनियों को करार के दौरान ही यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रशिक्षित युवाओं में से 50 प्रतिशत को हर हाल में रोजगार मिले। कौशल विकास के मंत्री सौरभ बहुगुणा ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का मकसद राज्य के 66 युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुसार दक्ष करना है।
इसके लिए इस बार ये जिम्मा स्वयं उद्योगों को ही दिया जा रहा है। सरकारी आईटीआई संस्थानों का इस्तेमाल कर उद्योग युवाओं को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित कर सकेंगे। इससे न सिर्फ युवाओं का कौशल विकास होगा, बल्कि उनके लिए रोजगार भी सुनिश्चित होगा।