राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या में जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भारतीय संविधान के प्रणेता बाबा साहेब आंबेडकर सहित सभी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान निर्माताओं को याद करते हुए अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किये. इस अवसर पर उन्होंने देश की सुरक्षा में तैनात सैन्य बलों, सभी सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को सैल्यूट करते हुए देश की रक्षा में शहीद हुए वीर जवानों को नमन किया है.
राज्यपाल ने कहा कि दो वर्षों में 2025 में हम अपनी स्थापना के 25 वर्ष भी पूर्ण करेंगे. भारत वर्ष की विकास यात्रा में उत्तराखण्ड का भी बड़ा योगदान है और हमें एक बड़ी भूमिका के लिए खुद को तैयार करना है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि 21वीं शताब्दी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक है. उत्तराखण्ड में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की सारी संभावनाएं है. पिछले वर्षों में हमने विकास के कई मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है. उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी के क्षेत्र में हमारे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.
राज्यपाल ने कहा कि बॉर्डर एरिया और कठिन पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोक कर रिवर्स पलायन की प्रक्रिया को गति देना सरकार की प्राथमिकता है. पलायन की समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण एवं दूर-दराज क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएँ पर्याप्त रूप से प्रदान करने की आवश्यकता है इसके साथ ही इन क्षेत्रों में युवाओं तथा महिलाओं के लिए रोजगार सृजन की और अधिक आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के बिजली से वंचित गावों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है. हर घर जल योजना के अंतर्गत घर-घर पानी पहुंचाया जा रहा है, आयुष्मान भारत योजना से लोगों को निशुल्क इलाज मिल रहा है. बहुत सी अलग-अलग योजनाओं के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने हेतु प्रयास भी किये जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के विरूद्ध सरकार प्रभावी कार्यवाही कर रही है तथा एक बहुत सख्त नकल विरोधी कानून लाने जा रही है. किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के विरूद्ध सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती रहेगी.
राज्यपाल ने कहा कि महिलाएँ इस प्रदेश के विकास की केन्द्र बिन्दु हैं. महिलाओं को शिक्षा एवं रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराकर प्रदेश के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस दिशा में महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रमुख भूमिका है. यहाँ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अच्छा कार्य कर रही हैं. इन समूहों को, आवश्यक ट्रेनिंग और सहायता प्रदान कर इन्हें और अधिक सशक्त बनाने की कोशिश की जा रही है. आकर्षक पैकेजिंग और प्रोफेशनल मार्केटिंग में ट्रैनिंग पाकर यहाँ के स्थानीय उत्पाद अच्छे-अच्छे ब्रांड को टक्कर दे सकते हैं. राज्य में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों को बिना किसी ब्याज के 5 लाख रुपये तक ऋण देने की योजना लागू की गई है। महिलाओं को प्रेरित करने के लिए लखपति दीदी योजना प्रारंभ की गई है. सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज रिजर्वेशन देने के लिये कानून बनाया गया है.
राज्यपाल ने कहा कि कनेक्टिविटी किसी भी राज्य के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है. कनेक्टिविटी के द्वारा पर्यटन और निवेश को बढ़ावा दिया जा सकता है. ट्रिपल त्-यानी रोड, रेलवे और रोप-वे के माध्यम से राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार किया जा रहा है. पर्यटकों के लिए सरकार विभिन्न स्थानों पर अत्याधुनिक शौचालय तथा पार्किंग की सुविधाएं देने जा रही है. राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपदों में विभिन्न नागरिक सेवाओं की पहुंच बनाने के लिये अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी भी आवश्यक है। इसके माध्यम से लोगों को बहुत सी सेवाएं और सुविधाएं ऑनलाइन अपने गाँव में मिल सकती हैं. बच्चों की स्मार्ट क्लास हो, टेलीमेडिसिन के माध्यम से डॉक्टर का परामर्श हो, सब कुछ आने वाले समय में आसान होने जा रहा है. इसके लिये प्रदेश के दूर-दराज और सीमांत क्षेत्र के लिये बीएसएनएल के बारह सौ दो मोबाइल टावरों को स्वीकृति मिली है. सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइवर से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के दुर्गम पर्वतीय भाग प्राकृतिक आपदा से भी प्रभावित रहते हैं। इसके लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत एवं प्रभावी बनाया जा रहा है. जोशीमठ में लैंडस्लाइड की प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सरकार ने सभी संभव कदम उठाए हैं। प्रभावितों की सुरक्षा और उनका समुचित विस्थापन सरकार की प्राथमिकता है.