अंकिता हत्याकांड की सुनवाई एडीजे कोर्ट ने सोमवार को टाल दी। अब कोर्ट में 27 जुलाई को गवाही होगी।
दरअसल, केस से सरकारी वकील जितेंद्र रावत ने त्यागपत्र दे दिया है। जिसके चलते अभी तक नए वकील की तैनाती नहीं हो पाई है। इसलिए कोर्ट ने सुनवाई को 27 जुलाई तक के लिए टाल दिया है।
एक जून को अंकिता के माता-पिता ने मामले की सुनवाई ठीक से न करने का आरोप लगाते हुए केस से सरकारी वकील जितेंद्र रावत को हटाने की मांग की थी।
कोर्ट में आज गवाही के लिए अंकिता के दोस्त पुष्पदीप को बुलाया गया था। पुष्पदीप अदालत में हाजिर हुआ, लेकिन सुनवाई टलने की वजह से उसकी गवाही नहीं हो सकी। अब उसको दोबारा कोर्ट में पेश होना होगा।
बता दें कि 18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी। तब पता चला कि पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ था। ऋषिकेश से लौटते वक्त अंकिता और पुलकित के बीच नहर किनारे फिर से विवाद हुआ और इस बीच पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया था। पुलिस ने इस मामले में 22 सितंबर को पुलकित, अंकित और सौरभ को गिरफ्तार किया था।