सात महीने बाद शनिवार को गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी निर्माण के भूमि चयन के लिए बुलाई बैठक बेनतीजा रही।
शासन के आदेश पर शनिवार को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में गुरुद्वारा निर्माण की भूमि चयन के लिए बैठक बुलाई। बैठक में प्रशासन ने रानीपुर मोड के अलावा अन्य जगह गुरुद्वारा निर्माण के लिए भूमि का विकल्प रखा, लेकिन प्रबंधक और संरक्षक ने उसे रिजेक्ट कर दिया।
गुरुद्वारा प्रबंधन ने प्रेम नगर आश्रम के निकट रानीपुर मोड पर ही भूमि आवंटन किए जाने की मांग उठाई। कहा कि रानीपुर मोड के अलावा कहीं भी दूसरी जगह वैकल्पिक भूमि नहीं चाहिए।
डीएम ने कहा कि रानीपुर मोड की भूमि उत्तरप्रदेश सिंचाई विभाग के अधीन है। गुरुद्वारा प्रबंधन की मांग पर उत्तराखंड सरकार के माध्यम से यूपी सरकार से फिर से अनुरोध किया जाएगा।
गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण के लिए सिख समाज पिछले दो दशक से संघर्ष कर रहा है। 4 अक्टूबर 2016 से समाज के लोग प्रेम नगर आश्रम के निकट रानीपुर मोड पर यूपी सिंचाई विभाग की भूमि पर सांकेतिक धरना दे रहे हैं।
प्रबंधक हरजीत सिंह दुआ और संरक्षक संत जगजीत सिंह शास्त्री की मांग पर यूपी सिंचाई विभाग के अधीशासी अभियंता नलिन वर्द्धन ने कहा कि रानीपुर मोड की उक्त जगह गंग नहर पटरी की है। लिहाजा, भविष्य में नहर पटरी के विस्तार को देखते हुए उक्त भूमि आवंटित नहीं हो सकती है। वैकल्पिक भूमि को लेकर कोई सहमति नहीं बनी और बिना किसी नतीजे के बैठक खत्म हो गई। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि बैठक की चर्चा के बिंदुओं की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।