गढ़वाल स्काउट के राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत (27) ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया। वही पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई.
गांव पहुंचा राइफलमैन का पार्थिव शरीर
बता दे की राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत (27) ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जिसके बाद उनके परिवार में हादसे की जानकारी दी गई , हादसे की खबर सुन परिवार में कोहराम मचा हुआ है और उनके गांव में शोक की लहर है।
उत्तरकाशी के रहने वाले थे शहीद राइफलमैन
बता दें गढ़वाल स्काउट में तैनात राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत उत्तकाशी के कुमराड़ा गांव के रहने वाले थे। राइफलमैन शैलेंद्र भारत-चीन सीमा के नीति घाटी की गोल्डुंग पोस्ट में तैनात थे। बीते दिन पहले वो अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे। ड्यूटी के दौरान ही वो शहीद हो गए।
गांव पहुंचा राइफलमैन शैलेंद्र का पार्थिव शरीर
हादसे की खबर के बाद से ही उनके गांव में शोक की लहर है। बता दें गढ़वाल स्काउट में तैनात राइफलमैन शैलेंद्र सिंह कठैत उत्तकाशी के कुमराड़ा गांव के रहने वाले थे। राइफलमैन शैलेंद्र भारत-चीन सीमा के नीति घाटी की गोल्डुंग पोस्ट में तैनात थे। बीते दिन पहले वो अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे। ड्यूटी के दौरान ही वो शहीद हो गए.
दो महीने पहले हुआ था पिता का निधन
शैलेंद्र सिंह अपने पीछे अपनी पत्नी, मां और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। बताया जा रहा है कि दो महीने पहले ही शैलेंद्र के पिता कृपाल सिंह कठैत का निधन हुआ था। पिता के निधन पर वो घर आए थे और पिता का अंतिम संस्कार कर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। शैलेंद्र घर का इकलौता चिराग थे।