देहरादून: प्रदेश में अभी दूर दूर तक बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे है। बात अगर बीते साल की करें तो जिस स्तर से बारिश और बर्फबारी होनी चाहिए थी वह देखने को नही मिली। ऐसे में बारिश और बर्फबारी ना होने से इसका सीधा असर फसलों व बागवानी पर भी देखने को मिल रहा है,जानकारी देते हुए मौसम वैज्ञानिक बिक्रम सिंह ने कहा कि पिछले साल यानि 2023 में बारिश सामान्य से बहुत कम दर्ज की गई है।
बारिश का स्तर हो रहा कम
चाहे मैदानी इलाकों की बात करें या फिर पहाड़ी क्षेत्रों की,हालांकि मैदानी इलाकों के मुकाबले पहाड़ी क्षेत्रों में छुटपुट बारिश व बर्फबारी बीते साल जरूर कहीं–कहीं देखने को मिली थी लेकिन जिस स्तर से होनी चाहिए थी वह मापदंड बिल्कुल पूरा नहीं हो पाया है,चाहे प्री मानसून सीजन की बात करें या फिर पोस्टमानसून सीजन की, बारिश का स्तर सामान्य से बहुत ही कम देखने को मिला है।
बागवानी और खेती पर सीधा असर
बारिश नया होने की वजह से सीजन की फसले और बागवानी बेकार होती नजर आ रही है। जिस वजह से किसान हताश और निराश नजर आ रहे है। किसानों का कहना है की अगर आलम यही रहा तो वो दिन दूर नहीं की जब वे लोग खेत और खेती छोड़ने को मजबूर हो जायेगे।
शीतलहर की चपेट मे प्रदेश
वहीं आपको बता दें कि साल 2024 भी शुरू हो चुका है लेकिन मौसम का मिजाज अब भी जस के तस बना हुआ है, यानि बारिश और बर्फबारी का कोई आंकलन अबतक दर्ज नहीं किया गया है,मतलब साफ है की जिस तरह से बिना बारिश और बर्फबारी के इन दिनों पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में आ चुका है,साथ ही मैदानी इलाकों में जिस तरह से कोहरे ने सबको अपने आगोश में ले लिया है उससे आम जनता की मुश्किलें भी बढ़ना शुरू हो गया