उत्तरकाशी। भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लंबी दूरी गश्त कर रही भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) टीम बर्फबारी होने के चलते वापस लौट रही थी। इसी दौरान तीन पोर्टर लापता हो गये। बर्फबारी होने से अभी तक इन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया है। आईटीबीपी ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और वायु सेना से तीनों पोर्टरों की खोजबीन के लिए मदद मांगी है। आईटीबीपी की दो टीमें भी मौके के लिए रवाना हो गई हैं।
15 अक्टूबर को आईटीबीपी की गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे। गश्त के बाद टीम वापस लौटी। टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए। इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था। आईटीबीपी की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया। अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया। उसके बाद आईटीबीपी ने बीती मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं। जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें। डिजास्टर कंसल्टेंट आपदा प्रबंधन विभाग उत्तरकाशी जय पंवार ने बताया कि बॉर्डर पर लापता ये तीनों पोर्टर उत्तरकाशी के ही रहने वाले हैं और आईटीबीपी की ओर से स्थानीय एजेंसी से हायर किये गए थे, जो एलआरपी गश्त के दौरान आईटीबीपी के साथ सीमा पर मदद करते हैं। पोर्टरों के खोज-बचाव के लिए हेली सेवा की मदद ली जा रही है।