प्रदेश में मार्च में पैदा हुई बिजली किल्लत के बीच यूपीसीएल ने अडानी, टाटा और एंबिशियस पावर कंपनी से जो बिजली खरीदी थी, उसके पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) पर नियामक आयोग ने मुहर लगा दी है।
यूपीसीएल ने बाजार से बिजली खरीद के लिए नियामक आयोग से अनुमति मांगी थी। नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्य तकनीकी की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए पीपीए एग्रीमेंट को सही ठहराया। इसमें कुछ त्रुटियां थीं, जिन्हें 15 दिन के भीतर सही करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, मार्च में प्रदेश में बिजली की किल्लत हो गई थी। यूपीसीएल ने बाजार से बिजली खरीद के लिए नियामक आयोग से अनुमति मांगी थी।
शुक्रवार को नियामक आयोग में अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन की खंडपीठ ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए पीपीए एग्रीमेंट को सही ठहराया। इसमें कुछ त्रुटियां थीं, जिन्हें 15 दिन के भीतर सही करने के निर्देश दिए हैं। यूपीसीएल ने ये बिजली शॉर्ट टर्म टेंडर के माध्यम से खरीदी थी।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि पिछले एक साल में उनके अधिकारियों ने प्रदेश में 16180 कनेक्शनों की जांच की, जिनमें से 3830 बिजली चोरी के मामलों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इससे यूपीसीएल को दो करोड़ 37 लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति भी हुई है।
उन्होंने बताया कि विजिलेंस ने भी सालभर में जो मामले पकड़े हैं, उनकी संख्या में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्होंने उपभोक्ताओं से आह्वान किया कि वे बिजली चोरी की सूचना 1912 नंबर पर दे सकते हैं।