नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की तर्ज पर अब प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की स्टेट इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एसआईआरएफ) रैंकिंग होगी। सोमवार को दून विवि में आयोजित कुलपतियों के गोलमेज सम्मेलन में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसका पोर्टल लांच कर दिया।
टॉपर 100 छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजा जाएगा
उन्होंने कहा, 100 विज्ञान शिक्षकों को आईआईएससी बंगलूरू, प्राचार्यों को नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए आईआईएम और टॉपर 100 छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजा जाएगा। दून विवि के नित्यानंद शोध सभागार कक्ष में आयोजित सम्मेलन में मिजोरम विवि के पूर्व कुलपति व नैक के पूर्व निदेशक प्रो. एएन राय ने कहा, हमें संस्थान के प्रमुख विषयों व समस्याओं को पहचान कर उनका समाधान करना होगा।
इसलिए शोध का विषय है महत्वपूर्ण
यूनेस्को एमजीआईईपी के चेयरमैन प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा, उच्च शिक्षा में भारतीय ज्ञान को समाहित करते हुए उद्यमिता कौशल को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की जरूरत है। उन्होंने छात्रों के संवेदीकरण सहित पाठ्यक्रम में सुधार पर बल दिया। बनारस हिंदू विवि के प्रोफेसर एलसी राय ने कहा, शोध किसी राज्य औ देश की सीमा से परे पूरे मानवता के लाभ के लिए है। इसलिए शोध का विषय महत्वपूर्ण है।
महाविद्यालय विद्या समीक्षा केंद्र से जुड़ेंगे
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एसआईआरएफ पोर्टल लांच करते हुए कहा, इससे राज्य के शिक्षण संस्थानों के बीच गुणवत्ता बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। कहा, कुलपति सम्मेलन में मिले सुझावों को सरकार नीतिगत स्वरूप देगी। हर साल इस सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। कहा, अगले तीन माह में सभी विवि व महाविद्यालय विद्या समीक्षा केंद्र से जुड़ेंगे।कहा, शिक्षकों की विधा को और तराशने के लिए हर साल 100 विज्ञान शिक्षकों को आईआईएससी बंगलूरू भेजा जाएगा। वहीं, प्राचार्यों की नेतृत्व क्षमता और मजबूत बनाने के लिए उन्हें आईआईएम भेजा जाएगा, जबकि प्रदेश के 100 टॉपर छात्रों को हर साल भारत भ्रमण पर भेजा जाएगा। हाल ही में पीएम ऊषा के अंतर्गत कुमाऊं विवि को 100 करोड़, दून विवि को 20 करोड़ की स्वीकृति मिली है।