उत्तराखंड के 4 जिलों चमोली रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ के तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अगले 24 घंटों में बर्फीले तूफान (एवलांच) की चेतावनी जारी की है। सचिव आपदा प्रबंधन ने संबंधित जिलों के डीएम को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) ने उत्तराखंड के चार जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ के तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अगले 24 घंटों में बर्फीले तूफान (एवलांच) की चेतावनी जारी की है। इसे देखते हुए शासन सतर्क हो गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डा. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही संबंधित जिलों के डीएम और एसएसपी को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
उधर, केदारनाथ में बर्फबारी की संभावना को देखते हुए ऐहतियात के तौर पर प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा के पंजीकरण 30 अप्रैल तक रोक दिए हैं। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलने हैं। उत्तराखंड में 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा प्रारंभ हो गई है।
मंगलवार से खुलेंगे केदारनाथ के कपाट
अब 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। चमोली जिले में बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री व यमुनोत्री धाम हैं। सभी उच्च हिमालयी क्षेत्र में तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर हैं। इसे देखते हुए डीजीआरई चंडीगढ़ की इन जिलों में हल्के बर्फीले तूफान की चेतावनी को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि डीजीआरई की चेतावनी के दृष्टिगत मशीनरी किसी भी स्थिति से निबटने को अलर्ट मोड में है।
केदारनाथ में हो रही बर्फबारी पर सरकार लगातार नजर रखे हुए है। इस कड़ी में केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि वे मौसम के मद्देनजर संभलकर और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार ही यात्रा करें। साथ ही बारिश और ठंड से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े साथ रखें। सभी यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।