उत्तराखंड में सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला मंडुवा पौष्टिकता का खजाना है। मंडुवा हृदय व मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक होता है। मंडुवे की रोटी और तिल की चटनी की बात हो या फिर हो बात झंगोरे की खीर की ये सभी खानपान गुणवत्ता और स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभकारी माना जाते है और अब यहा पूरे देश विदेश में अपनी एक अलग छाप छोड़ रहे है।
आंतों को रखें स्वस्थ
मंडुवा और रागी को कई अलग अलग स्थानिया नामों से जाना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक बताते हैं कि पहाड़ी अनाज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। मंडुवा मधुमेह की बीमारी में बेहद कारगर साबित हुआ है। यह शरीर में चीनी की मात्रा नियंत्रित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मंडुवा ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के अलावा वजन घटाने में भी मदद करता है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर आंतों के लिए अच्छा होता है।
बीमारियों से रखे दूर
मंडुवा में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। यह ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देता है और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकता है। पोषक तत्वों से भरपूर रागी विभिन्न विटामिन, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर माना जाता है। ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखते है।
सभी के लिए है गुणकारी
कई वरिष्ठ वैज्ञानिक बताते है कि मंडुवा का वैज्ञानिक नाम एलिसाइन कोराकाना है। इसे फिंगर मिलेट भी कहते हैं। इसमें प्रोटीन के कारण यह सभी लोगों के लिए गुणकारी है। इसका अधिकाधिक सेवन आंखों के रतौंधी रोग के निवारण में भी सहायक होता है।
प्रधानमंत्री के पसंदीदा मंडुवे के बिस्कुट
मंडुवे के बिस्कुट देश ही नहीं बल्कि अब पूरे देश में अपनी महक बिखेर रहे हैं। यह बिस्कुट उत्तराखंड सरकार हिलांस के बैनर तक बेचती है। वही मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही मोनार में बन रहे मंडुवे के बिस्कुट का जिक्र किया, वैसे ही लोग मंडुवे की ओर तेजी से आकर्षित होने लगे हैं।