उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को नवोन्मेषी, रोजगारोन्मुखी और गुणवत्तापरक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने देशभर के एक दर्जन प्रतिष्ठित शैक्षणिक और तकनीकी संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल के अंतर्गत राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा।

यह पहल राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की सक्रियता से संभव हुई है। एमओयू के तहत छात्रों को डिजिटल और फ्यूचर स्किल्स, सॉफ्ट स्किल्स, विज्ञान अनुसंधान, जीवन मूल्य और नशामुक्ति जैसे महत्वपूर्ण विषयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही शिक्षकों को भी उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
जिन संस्थानों से एमओयू किए गए हैं, उनमें प्रमुख हैं:
- आईआईएससी, बेंगलुरू – विज्ञान वर्ग प्रशिक्षण योजना
- आईआईटी कानपुर – साथी केन्द्र योजना
- विज्ञानशाला, रोहिणी, नई दिल्ली – कल्पना शी फॉर स्टेम योजना
- इन्फोसिस स्प्रिंगबोर्ड, बेंगलुरू – डिजिटल स्किल प्रशिक्षण
- रूट्स टू रूट्स, नोएडा – कला और भारतीय संस्कृति शिक्षा
- प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, राजस्थान – नशा मुक्ति जनजागरूकता
- महिंद्रा प्राइड व नान्दी फाउंडेशन, हैदराबाद – सॉफ्ट स्किल पाठ्यक्रम
- नैसकॉम – डिजिटल एवं फ्यूचर स्किल्स
- वाधवानी ग्रुप, बेंगलुरू – लाइफ स्किल कोर्स प्रशिक्षण
- टाटा ग्रुप, मुंबई – स्किल डेवलपमेंट व रोजगार
- अमृता विश्व विद्यापीठम, केरल – विज्ञान शोध व वर्चुअल लैब
- एडुनेट फाउंडेशन, बेंगलुरू – निःशुल्क तकनीकी प्रशिक्षण
इन सभी साझेदारियों का उद्देश्य राज्य के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को देशभर की अग्रणी संस्थाओं की विशेषज्ञता से जोड़ना है, जिससे उन्हें व्यावहारिक, तकनीकी और जीवन मूल्यों पर आधारित शिक्षा मिल सके।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा–
“उच्च शिक्षण संस्थानों में मूल्य आधारित शिक्षा के साथ-साथ शोध व नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ एमओयू साइन किए गए हैं। इनके सहयोग से महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में विभिन्न प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिनका सीधा लाभ छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को मिल रहा है।”