उत्तराखण्ड में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कोई न कोई ऐसी खबर सामने आ जाती है जब गुलदार इंसानी बस्तियों में घुसकर किसी न किसी को शिकार बना रहा हो। वहीं अब ख़बर पौड़ी गढ़वाल जिले से सामने आ रही है। जहां गुलदार की सक्रियता को देखते हुए श्रीनगर व आस-पास के क्षेत्रों में जिला प्रशासन ने गांवों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। ये कर्फ्यू सात फरवरी से नौ फरवरी तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक रहेगा। इसके अलावा खिर्सू ब्लॉक के विद्यालयों में बुधवार को भी अवकाश घोषित कर दिया गया है।
दो बच्चों को बना चुका निवाला
दरसल, गुलदार ग्राम ग्वाड़ और ग्लास हाउस श्रीनगर में पिछले दो दिन में दो बच्चों को मार चुका है। जिसके बाद प्रभागीय वनाधिकारी को दिए आदेश में कहा गया है कि, विशेष रूप से छोटे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए चिह्नित गुलदार को अंतिम विकल्प के रूप में मारने के आदेश दिए गए हैं। डीएफओ पौड़ी ने प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव को बताया, तीन फरवरी को गुलदार ने ग्राम ग्वाड़ पोस्ट खिर्सू निवासी 11 साल के अंकित पर गोशाला के सामने खेलते हुए हमला कर दिया था। गुलदार के हमले से अंकित की मौत हो गई थी।चार फरवरी को ग्लास हाउस रोड़ निवासी चार साल के अयान अंसारी को गुलदार घर के आंगन से उठा ले गया था। बच्चे का शव घर से 20 मीटर दूर झाड़ियों से बरामद किया गया था।
मानव जीवन के लिए खतरा बना गुलदार
डीएफओ ने प्रमुख वन संरक्षक को भेजी रिपोर्ट में कहा, इन घटनाओं के बाद भी गुलदार क्षेत्र में तैनात गश्ती टीम को घटनास्थल के पास दिखाई दे रहा है। जो पिंजरे में पकड़ में नहीं आ रहा और न ही ट्रैंक्युलाइज किया जा सका है। गुलदार मानव जीवन के लिए खतरा हो गया है। आदेश में कहा, जन सुरक्षा को देखते हुए गुलदार को पिंजरा लगाकर पकड़ने या ट्रैंक्युलाइज करने के सभी प्रयास किए जाएं।
गुलदार को मारने के आदेश
यदि इसके बाद भी पकड़ में नहीं आए तो गुलदार को मार दिया जाए। कहा, यह आदेश केवल चिह्नित गुलदार के लिए प्रभावी होगा। गुलदार को मारने की यह आज्ञा एक महीने तक वैध रहेगी, जो इस अवधि के बाद खुद समाप्त हो जाएगी। आदेश में यह भी कहा गया कि क्षेत्र में ट्रैप कैमरा और पीआईपी के माध्यम से गुलदार की उपस्थिति की निगरानी की जाए। ड्रोन से भी क्षेत्र में निगरानी की जाए।