नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर पूर्व में लगाई गई रोक को फिलहाल बरकरार रखा है। मंगलवार को राज्य सरकार ने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष मामले को मेंशन किया, जिसके बाद अदालत ने सभी याचिकाओं को क्लब करते हुए बुधवार दोपहर के लिए सुनवाई निर्धारित की है।

खंडपीठ ने स्थगन आदेश पर फिलहाल नहीं दिया कोई संशोधन
राज्य सरकार की ओर से मामले को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष लाया गया, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट का पूर्व स्थगन आदेश यथावत रहेगा। खंडपीठ ने स्टे वेकेशन और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के लिए आज दोपहर का समय तय किया है।
सभी याचिकाओं को किया गया क्लब, सुनवाई होगी कल दोपहर में
आरक्षण नीति और पंचायत चुनाव अधिसूचना से संबंधित सभी याचिकाओं को एकसाथ जोड़ा गया है। बुधवार को खंडपीठ इन मामलों पर संयुक्त रूप से सुनवाई करेगी। इसके बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनावी प्रक्रिया पर कोई स्पष्ट निर्णय लिया जाएगा।
चुनावी अधिसूचना और आरक्षण नीति बनी विवाद का कारण
11 जून को सरकार द्वारा जारी आरक्षण आदेश में कहा गया था कि अब तक के पंचायत चुनावों में लागू आरक्षण को शून्य मानते हुए वर्ष 2025 से ‘प्रथम आरक्षण’ माना जाएगा। इस नीति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

निर्वाचन आयोग की अधिसूचना भी न्यायिक समीक्षा के दायरे में
राज्य निर्वाचन आयोग ने 22 जून को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी थी। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह अधिसूचना भी प्रभावी रूप से स्थगित मानी जा रही है।
आगामी दिशा तय करेगी न्यायालय की सुनवाई
अब सभी की नजरें बुधवार की सुनवाई पर टिकी हैं। न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों के आधार पर यह तय होगा कि पंचायत चुनावों की प्रक्रिया स्थगित रहेगी या उसमें कोई संशोधन किया जाएगा।