राज्य में अब आवारा कुत्तों से राहत मिलने जा रही है, आए दिन आवारा कुत्ते राह चल रहे लोगों को काट देते है, लेकिन अब इसे लेकर शहरी विकास निदेशालय ने एसओपी जारी कर दी है , इसके तहत हर नगर निकाय को एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करने के साथ ही डॉग स्क्वाॅड बनाना होगा, जो कुत्ते के काटने की सूचनाओं का संज्ञान लेकर जांच करके कुत्ते को अपने साथ ले जाएगी।
जिसके बाद सात दिन तक उसकी निगरानी की जाएगी, अगर ये साबित होता है कि कुत्ता उग्र है, तो उसे मूल जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा। शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक, यह मॉनिटरिंग कमेटी प्राथमिकता के आधार पर उग्र आवारा कुत्तों की समस्या से संबंधित शिकायत सुनेगी।इसी के साथ निर्देश दिए गए कि आवारा कुत्तों की हर दो माह में पशु चिकित्सक समीक्षा की जाए।ताकि इस प्रक्रिया में पशु क्रूरता से बचाव रखा जाए।