उत्तराखंड में आवारा पशुओं की समस्या बढ़ती ही जा रही है।सड़कों पर आवारा पशुओं का राज चल रहा है,जिधर देखों उधर पशु , लोग परेशान है, जिस वजह से कई हादसे होते हैं। कई जगह आवारा पशुओं के हमले में लोग घायल भी हुए हैं।
बागेश्वर की महिला ने पशुओं को पहुचांया एसडीएम दफ्तर
वही बागेश्वर के गरुड़ में तो महिलाएं आवारा पशुओं की समस्या से इस कदर परेशान हो गईं कि वो लावारिस जानवरों को एसडीएम दफ्तर पहुंचा आईं। महिलाओं ने तहसील प्रशासन की ओर से इस समस्या को गंभीरता से न लिए जाने के विरोध में शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। महिला काश्तकारों का कहना है कि लावारिस जानवर खेतों में खड़ी फसल चौपट कर रहे हैं, लेकिन इस समस्या को लेकर शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
कई बार शिकायत के बाद भी नहीं लिया कोई ACTION
पहाड़ के दूसरे क्षेत्रों की तरह मेलाडुंगरी गांव में भी आवारा पशु लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। मंगलवार को लावारिस पशुओं को लेकर तहसील पहुंची महिलाओं ने कहा कि वह एसडीएम और डीएम से इस संबंध में कई बार शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
परेशान महिलाओं ने दी चेतावनी
वही जहा सरकार सार्वजनिक मंचों पर किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहते नहीं थकती, तो दूसरी ओर उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देती । लावारिस जानवरों और बंदरों के आतंक से कई काश्तकारों ने खेती करना छोड़ दिया है। महिलाओं ने कहा कि अगर प्रशासन ने उनकी समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया तो वे लावारिस जानवरों के साथ जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगी।