Chardham Yatra 2023 आलवेदर रोड निर्माण के बाद बदरीनाथ राजमार्ग में कई स्थानों पर स्लाइडिंग जोन सक्रिय हुए हैं जहां हल्की वर्षा में पहाड़ी दरकने से आवाजाही मुश्किल हो जाती है। यात्रा के दौरान राजमार्ग पर स्लाइडिंग व डेंजर जोन इस बार यात्रियों व प्रशासन की परीक्षा लेंगे।
बदरीनाथ धाम की यात्रा के दौरान चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्लाइडिंग व डेंजर जोन इस बार भी तीर्थ यात्रियों व प्रशासन की परीक्षा लेंगे। आलवेदर रोड निर्माण के बाद राजमार्ग में कई स्थानों पर स्लाइडिंग जोन सक्रिय हुए हैं, जहां हल्की वर्षा में भी पहाड़ी दरकने से आवाजाही मुश्किल हो जाती है।
यात्रा की राह में सबसे बड़ी चुनौती इस बार आपदा प्रभावित जोशीमठ बनेगा। यात्रा के इस प्रमुख पड़ाव में भूधंसाव के कारण राजमार्ग जगह-जगह धंस रहा है। हालांकि, राजमार्ग पर यातायात व्यवस्था सुचारु एवं सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन की ओर से कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
संपूर्ण मार्ग पर लगभग 20 स्लाइडिंग जोन सक्रिय
चमोली जिले में गौचर से ही बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति चुनौतीपूर्ण है। गौचर से बदरीनाथ धाम की दूरी 131 किमी है, जबकि गौचर से चमोली 66 किमी की दूरी पर है। इस संपूर्ण मार्ग पर लगभग 20 स्लाइडिंग जोन सक्रिय हैं। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक डेंजर जोन भी हैं। स्लाइडिंग जोन पर वाहनों पर पत्थर व मलबा गिरने का हमेशा खतरा बना रहता है।
गौचर और चमोली के बीच आलवेदर रोड परियोजना के तहत हुए चौड़ीकरण के बावजूद सबसे अधिक स्लाइडिंग जोन और डेंजर जोन हैं। कमेड़ा स्लाइडिंग जोन 30 से भी अधिक वर्षों से मुश्किलें पैदा कर रहा है।
चटवापीपल व पंचपुलिया के पास, कर्णप्रयाग धार, नंदप्रयाग चाड़ा, मैठाणा, चमोली चाड़ा, कुहेड़ से बाजपुर आदि क्षेत्रों में चौड़ीकरण होना भी शेष है। यही स्थिति चमोली से बदरीनाथ धाम के बीच कई स्थानों पर है। यहां चौड़ीकरण का कार्य धीमी गति से चल रहा है।
बोल्डर आने से दो घंटे बंद रहा यमुनोत्री हाईवे
यमुनोत्री हाईवे पर किसाला के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने से हाइवे दो घंटे तक बंद रहा जिससे तीर्थयात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं पहाड़ी से बोल्डर मलबा गिरने की आशंका के बीच यात्री जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को सुबह 8 बजे हाईवे पर मलबा आ गया था जिसे जेसीबी ने करीब 10 बजे हटाकर हाईवे खोल दिया था। यमुनोत्री हाईवे पर आलवेदर सड़क परियोजना के तहत चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। कहीं जगहों पर सुरक्षा कार्य करने के बाद भी भूस्खलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। एनएच के ईई राजेश पंत का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया की स्वीकृति मिलने के बाद भूस्खलन क्षेत्र के ट्रीटमेंट का काम शुरू किया जाएगा।