Uttarakhand college news: सूबे राजकीय विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में आगामी पांच नवम्बर तक एक ही तिथि पर छात्रसंघ चुनाव सम्पन्न कराये जायेंगे। छात्र संघ चुनावों में लिंगदोह समिति की सिफारिशों का अनुपालन किया जायेगा। इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं निदेशक उच्च शिक्षा को सभी तैयारियां समय पर पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
डॉ. रावत ने छात्रसंघ चुनाव (Student Union Elections) में लिंगदोह लागू करने के निर्देश
सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री Dr. Dhan Singh Rawat ने बताया कि राज्य में उच्च शिक्षा के सत्र को नियमति करने के लिये सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। जिसके अंतर्गत एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव व एक दीक्षांत शामिल है। इसी क्रम में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया सम्पन्न होने के उपंरात पांच नवम्बर से पहले गत वर्ष की भांति एक ही तिथि में छात्रसंघ चुनाव आयोजन करने का निर्णय लिया गया है ताकि छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन में होने वाले अनावश्यक व्यवधान को रोका जा सके। इस संबंध में राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व निदेशक उच्च शिक्षा को छात्र संघ चुनाव संबंधी सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव (Student Union Elections) में लिंगदोह समिति की सिफारिशें लागू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। जिसके तहत कोई भी छात्र छात्रसंघ पदाधिकारी का चुनाव केवल एक बार व कार्यकारिणी सदस्य का चुनाव दो बार लड़ सकता है। इसी प्रकार छात्रसंघ प्रत्याशियों द्वारा प्रचार-प्रसार महाविद्यालय व विश्वविद्यालय परिसर में ही किया जा सकता है। जिसका अधिकतम खर्चा रूपये पांच हजार नियत है। छात्रसंघ चुनाव (Student Union Elections) के प्रत्याशियों को अपने चुनाव व्यय का ब्योरा चुनाव परिणाम घोषित होने के दो माह के भीतर देना होगा। प्रत्याशियों के लिये चुनाव अवधि में सर्वाजनिक व निजी परिसर, भवनों, प्रतिष्ठानों आदि की दीवारों व बोर्डों पर पोस्टर, पम्पलेट, बैनर, नारेबाजी आदि पर प्रतिबंध रहेगा। इसी प्रकार कॉलेज परिसर में किसी भी तरह के हथियार ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा सभी प्रत्याशियों को लिंगदोह समिति की अन्य सिफारिशों का भी पालन करना होगा। यदि कोई प्रत्याशी छात्रसंघ चुनाव के दौरान लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध विश्वविद्यालय व कॉलेज प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जायेगी।