देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता के विषय में कांग्रेस नेता अभिनव थापर की जनहित याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिसपर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने हेतु व लूट मचाने वालों से सरकारी धन की रिकवरी हेतु अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर करी थी। हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए इस मामले मे 2000 से लेकर 2022 तक कि जांच रिपोर्ट कि मांगी है।
घोटाले पर सरकार कि चुप्पी
इस मामले में कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने बताया कि, विधानसभा ने एक जाँच समिति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया, किंतु यह घोटाला 2000 में राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था, जिसको सरकार ने अनदेखा कर दिया था। इस विषय पर अबतक अपने करीबियों को भ्रष्टाचार से नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है, अतः विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने हेतु व लूट मचाने वालों से सरकारी धन की रिकवरी हेतु अभिनव थापर ने हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दायर की थी। आगे थापर बताते है कि, इस याचिका पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखते हुऐ निर्देश दिए है कि 29.02.2024 को माननीय हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए की 2000 से 2022 तक सभी विधानसभा बैकडोर भर्तियों को बिना नियमों के नियुक्त किया गया था अतः 06.02.2003 के कार्यवाही पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उल्लेखनीय है कि 06.02.2003 के शासनादेश में माननीय गुनहगारों से रिकवरी का प्रावधान स्पष्ट है।
तीन हफ्ते मे देना होगा जवाब
जनहित याचिका के माननीय हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा युक्त पीठ ने इस याचिका के विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में हुई अनियमितता व भ्रष्टाचार विषय पर विधानसभा और याचिकाकर्ता को तथ्यों से भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार पर 29.02.2024 सहमत हुए और माना की विधानसभा भर्तीयों में बड़ा घोटाला हुआ है। आज माननीय हाईकोर्ट ने सरकार को 3 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए । अगली सुनवाई 16 जुलाई 2024 को तय की गई है।